दिल्ली. कश्मीर घाटी यूं तो लंबे समय से अशांत रही है. सेना घाटी में शांति कायम करने की हरसंभव कोशिश कर रही है. कभी सेना बातचीत के जरिए घाटी में शांति कायम करने की कोशिश करती है तो कभी उसे ताकत का भी इस्तेमाल करना पड़ा. घाटी में दंगों औऱ उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए सेना पैलेट गन का इस्तेमाल करती रही है. इन पैलेट गन की गोलियों से कई युवाओं को आंख तक गवानी पड़ गई. जिसके बाद घाटी में नए सिरे से बहस शुरु हो गई. कई लोगों ने पैलेट गन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार औऱ सेना से मांग भी की.
घाटी की इंशा मुश्ताक ऐसी ही एक इंसान हैं जिनको पैलेट गन की गोलियों के चलते अपनी आंखें गवानी पड़ी. 2016 में घाटी में हो रहे उग्र आंदोलनों के दौरान इंशा की आंख में भी पैलेट गन के छर्रे लगे. जिसके चलते उनको अपनी दोनों आंखें गंवानी पड़ी. घाटी में पैलेट गन के विरोधियों ने इंशा मुश्ताक की फोटो को खूब वायरल किया. बेहद मुश्किल दौर से गुजरी इंशा ने बेहद मुश्किलों का सामना करते हुए भी अपना हौसला और हिम्मत नहीं छोड़ी.
कश्मीर के सोपियां की रहने वाली इंशा ने कश्मीर बोर्ड की दसवीं के इम्तिहान को अच्छे नंबरों से पास कर लिया है. उनकी इस सफलता पर पूरे राज्य के लोग बेहद खुश हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इंशा की इस सफलता की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सफलता बेहद खास है. खास बात ये है कि अपनी आखों की रौशनी खोने के बाद भी इंशा ने जीने की ललक नहीं छोड़ी. उन्होंने संगीत में अपनी रूचि पैदा की और नए सिरे से पढ़ाई शुरु की. जिसका नतीजा है कि इंशा ने दसवीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास कर ली. इंशा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये इम्तहान बेहद मुश्किल था लेकिन मैं खुश हूं कि मैने इसे पास कर लिया और अब मैं अगली क्लास में जाने की तैयारी कर रही हूं.
इंशा की ये सफलता कई मायने में खास है उन्होंने अपनी आंखे खोने के बाद भी हौसला नहीं खोया और नतीजा सबके सामने है. आज कश्मीर समेत पूरे देश में उनके हौसले की चर्चा हो रही है.