राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में पशुपालन विभाग के एक अजीब फरमान उपचुनाव में प्रदेश के सियासी पारे को गरमा दिया है। विभाग के सांडों की नसबंदी देने के आदेश के बाद ही राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने विभाग ने इस आदेश को तुरंत निरस्त करने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने विभाग के आदेश की कॉपी के साथ ट्वीट करते हुए लिखा कि-
अब मध्यप्रदेश में गौवंश की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए 12 लाख सांडों का बधियाकरण होगा…?
कांग्रेस ने इस विवादास्पद आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की है और कहां है कि यह निर्णय प्रदेश में गोवंश को खत्म करने वाला और गौवंश विरोधी।
इस राशि को गौवंश के संवर्धन पर खर्च की जावे।
अब मध्यप्रदेश में गौवंश की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए 12 लाख सांडो का बधियाकरण होगा…?
कांग्रेस ने इस विवादास्पद आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की है और कहां है कि यह निर्णय प्रदेश में गोवंश को खत्म करने वाला और गौवंश विरोधी।इस राशि को गौवंश के संवर्धन पर खर्च की जावे। pic.twitter.com/87bnBekLRt
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) October 13, 2021
संस्कृति बचाओ मंच भी आदेश के विरोध में उतरा
संस्कृति बचाओ मंच भी विभाग के आदेश के विरोध में उतर गया है। मंच संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सरकार से हमारी मांग नसबंदी रोकने की है। गौवंश हमारी संस्कृति है। गौवंश समाप्त हुआ तो हमारी संस्कृति समाप्त हो जाएगी।विभाग तुरंत आदेश वापस ले, नहीं तो संस्कृति बचाओ मंच सड़क पर उतरेगा।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल पशुपालन विभाग ने सभी अनुपयोगी सांडों की नसबंदी का आदेश दिया है। विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर सांडों की जल्द से जल्द नसबंदी करने का आदेश दिया है। पत्र में 23 अक्टूबर से नसबंदी अभियान को चलाने का आदेश दिया है। विभाग ने जो फरमान जारी किया है, उसके मुताबिक गौशालाओं के साथ पशुपालकों के सांडों की भी नसबंदी का आदेश दिया गया है।