दुष्यंत मिश्रा, बालाघाट। मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला अति नक्सल प्रभावित जिला है । यहां छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे आदिवासी बाहुल्य दक्षिण बैहर और लांजी के कई इलाके नक्सलियों की शरण स्थली बने हुए है जो गांव गांव बैठके लेकर लोगो को बरगलाते हुए दलम में शामिल करने की कोशिश में जुट जातें है। एसा ही एक ताजा मामला प्रकाश में आया है जहाँ एक 17 वर्षीय नाबालिग आदिवासी युवक ने नक्सलवाद की राह पकड़ ली है।
लांजी क्षेत्र की देवरबेली ग्राम पंचायत का 17 वर्षीय नाबालिग युवक नक्सली विचारधारा से प्रभावित होकर नक्सली दलम में शामिल हो गया है। हीरसिंह पिछले दो माह से गायब है। लेकिन इसी बीच कुछ ग्रामीणो ने दबी जुबान से कहा कि हो सकता है हीरसिंह नक्सली दलम में शामिल हो गया होगा। ग्रामीणों ने जिस तरह जानकारी दी, उससे यह तो साफ हो चुका था कि गाव में दहशत का माहौल व्याप्त है।
युवक का मंझला भाई कुछ साल पहले दलम में शामिल हो गया था । हीरसिंह पुसाम अपने परिवार का दूसरा सदस्य है जो नक्सली दलम में शामिल हुआ है। इसके पूर्व उसके चाचा जगदीश पुसाम भी नक्सली दलम में शामिल हो चुके है।
निश्चित रूप से युवक नक्सली दलम में शामिल हुआः एसडीओपी
मामले में एसडीओपी लांजी दुर्गेश आर्मो ने कहा कि हीरसिंह की मां ने लांजी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 17 अगस्त की दोपहर जब वे खेत में काम कर रहे थे तब हीरसिंह पेच पीने घर गया था । तभी दो बंदूकधारी नक्सली उसे जबरन अपने साथ ले गए । इसकी जानकारी हीरसिंह के छोटे भाई ने अपनी मां को बताई । इसी आधार पर उन्होंने थाने में हीरसिंह के अपहरण की रिपोर्ट लिखाई है । उसका मोबाइल बंद आ रहा है, पूर्व में वह जहां जहां काम करने गया था वहां सड़ भी तस्दीक कर लिया जिस है। निश्चित रूप से हीरसिंह नक्सली दलम में शामिल हो गया है ।