नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण को देखते हुए CBSE 10वीं एवं 12वीं कक्षा का सिलेबस दो हिस्सों में बांट चुका है. सीबीएसई के शिक्षा निदेशक जोसेफ इमैनुएल द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, पहले टर्म की परीक्षा नवंबर-दिसंबर, 2021 में होगी जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल, 2022 में होगी.
CBSE बोर्ड 10वीं और 12वीं के सिलेबस को दो भागों में बांट चुका है. परीक्षा भी दो सत्रों में ली जाएगी, लेकिन फिर भी बोर्ड छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्टस पर फोकस करेगा. पहले चरण की इन बोर्ड परीक्षाओं में बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न (एमसीक्यू) होंगे. पहले सत्र में सीबीएसई प्रश्नपत्र और मूल्यांकन की योजना स्कूलों को भेजेगा. पहले के अंत में बोर्ड नवंबर-दिसंबर, 2021 में चार से आठ सप्ताह की समय सीमा में परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा. बोर्ड परीक्षा की अवधि 90 मिनट होगी. इसे भी पढ़ें – टाइगर श्रॉफ के फिटनेस ट्रेनर का निधन, 11 अकादमी के ओनर थे कायजाद कपाड़िया …
10वीं कक्षा के 20 अंकों के आंतरिक मूल्यांकन को दस-दस अंकों में विभाजित किया जाएगा. वहीं 12वीं कक्षा के लिए इसे 15- 15 अंकों के दो हिस्सों में बांटा जा रहा है. सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक 10वीं कक्षा का 20 अंक का इंटरनल असेसमेंट, 10-10 अंकों के दो चरण में विभाजित किया गया है. 12वीं कक्षा के लिए प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट को 15-15 अंकों के दो चरण में विभाजित किया गया है. 12वीं कक्षा के लिए कुल 30 अंक का प्रैक्टिकल 15-15 अंकों के दो चरण में लिया जाएगा.
शिक्षा मंत्रालय के लिए 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा एक बड़ा मुद्दा है. सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा और परीक्षा परिणाम प्रक्रिया के समाधान की दिशा में शिक्षा विशेषज्ञ और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अभी से जुट गए हैं. छात्रों की सुविधा को देखते हुए सीबीएसई प्रथम चरण की परीक्षाओं के लिए देश भर के छात्रों के हेतू एक लचीला कार्यक्रम लेकर आएगा. पहले चरण की बोर्ड परीक्षा 8 सप्ताह के लंबे शेड्यूल में ली जा सकती हैं. यह परीक्षा अगले माह नवंबर में शुरू होंगी. जल्द ही सीबीएसई बोर्ड प्रथम चरण की बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट भी घोषित करने जा रहा है.
कोरोना संक्रमण के कारण यदि CBSE बोर्ड (2 में से) किसी एक सत्र की परीक्षा नहीं ले सका तो भी अगले साल बोर्ड कक्षाओं का परिणाम सही समय पर घोषित किए जा सकेगा. ऐस स्थित में आधे पाठ्यक्रम के आधार पर हुई परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट घोषित किया जा सकता है.
दूसरी परीक्षा मार्च-अप्रैल में आयोजित की जाएगी. यह परीक्षाएं बाहर से आए परीक्षकों और सीबीएसई द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की निगरानी में होंगी. इस सब के बावजूद सीबीएसई आंतरिक मूल्यांकन एवं प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान देगी. अगर परीक्षा के लिए हालात फिर अनूकूल नहीं होती हैं तो दूसरे टर्म के अंत में भी एमसीक्यू आधारित परीक्षा करायी जा सकती हैं.