चंडीगढ़। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के आंकड़ों के मुताबिक, पड़ोसी राज्यों ने रोक के बाद भी बड़ी संख्या में खेतों में पराली को जलाना शुरू कर दिया है. ये संख्या पिछले साल से कम है, फिर भी दिल्ली में गुरुवार को एक्यूआई ‘मध्यम’श्रेणी में और शुक्रवार को एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज हुई है. पराली जलाने से अगले 2 दिन बाद दिल्ली में बहुत खराब श्रेणी में पहुंचने की संभावना बन गई है. गौरतलब है कि कई बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय समेत कई मंत्रियों ने इस पर चिंता जताई है.
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दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कई बार कहा कि पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने किसानों के खेतों में बायो डिकंपोजर का छिड़काव करा सकते हैं. इसमें 1 हजार रुपए से भी कम खर्च लगता है. उन्होंने सलाह दी कि पराली जलाने से न सिर्फ उस राज्य में बल्कि दिल्ली में भी प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है, इसलिए इसे रोका जाना चाहिए.
हवा की गुणवत्ता बेहद खराब
सीपीबीसी के अनुसार, शुक्रवार को एनसीआर नोएडा में 219, डीपीसीसी के पटपड़गंज में 267 और आनंद विहार में 233 एक्यूआई दर्ज की गई, जिसके अनुसार हवा की गुणवत्ता खराब है. आईएआरआई के अनुसार गुरुवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलाने की 407 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से 229 मामले अकेले पंजाब से हैं.
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आईएआरआई के अनुसार, पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी के लिए प्रयोग की जाने वाली सैटलाइट रिमोर्ट सेंसिंग प्रणाली आंकड़ों के मुतबिक, 15 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 764 घटनाएं हुई हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 2,586 घटनाएं दर्ज की गई थीं.
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