न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। आपने कोरोना से मुक्ति पाने के लिए लोगों के कई तरह के जतन करते देखा या सुना होगा। वहीं जिले के कोतमा में कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए सैकड़ो लोग 250 किमी पैदल यात्रा निकाल रहे हैं। जी हां… सैकड़ों की संख्या में लोग 7 दिन 250 किमी पैदल यात्रा करके मैहर पहुंचकर मां शारदा की पूजा कर कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना करेंगे। इस दौरान हिन्दू धर्म के लिए जागरुकता भी फैलाएंगे। इस यात्रा में सिर्फ पुरुष ही नहीं ब्लकि बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। भक्तों का जत्था 21 अक्टूबर को मैहर पहुंचेगा। माता के मूर्ति विसर्जन के बाद माँ शारदा के दर्शन के बाद यात्रा पूरी होगी।
शनिवार को भक्तों का जत्था चचाई पहुंचा। चचाई पहुंचने पर लोगों ने भक्तों का भव्य स्वागत किया। भक्तों की जत्था चचाई में खाना खाने के बाद विश्राम किया। इसके बाद शहडोल के लिए निकल पड़े। धार्मिक पद यात्रियों ने बताया कि इस पद रथ यात्रा का उद्देश्य कोरोना से देश को छुटकारा दिलाने के लिए माता रानी से प्रार्थना स्वरूप फल प्राप्ति के लिए किया जा रहा है।
रविवार को शहडोल पहुंचेगा यात्रियों का जत्था
7 दिवसीय यात्रा के दौरान भक्तों का जत्था 15 अक्टूबर को कोतमा से फुनगा पहुंचा था। वहीं 16 अक्टूबर को अनुपपुर, चचाई अमलाई, बुढार से गुजर कर 17 अक्टूबर को शहडोल पहुंचेगा। इसके बाद पाली घुंनघुटी उमरिया, ज्वाला मंदिर, बरही, खितौली सरला नगर होकर 7वें दिन मैहर पहुंचेगी।
जमुना प्रसाद वर्मा ने की थी यात्रा की शुरुवात
कोतमा नगर से मैहर तक कि पद रथ यात्रा की शुरुवात सर्वप्रथम शारदा काली मंदिर कोतमा से हुई थी। यात्रा की शुरुवात शारदा काली मंदिर के व्यवस्थापक स्व. जमुना प्रसाद वर्मा और अन्य सदस्यों ने की थी। शारदा मंदिर के पूर्व व्यवस्थापक जमुना प्रसाद वर्मा परिवार का इस यात्रा संचालन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। सालॉ1987 में पहली बार कोतमा से मैहर सैकड़ों की संख्या में भक्त पदयात्रा करके मैहर पहुंचे थे। उसके बाद तीन साल बाद साल 1990, फिर 1993 में हुई। उसके बाद लंबे अंतराल के बाद सन 2015 में बेरियल कमेटी के 25वें रजत जयंती वर्ष पर कोतमा से मैहर पद रथ यात्रा निकाली थी। अब इस साल बस स्टैंड कमेटी माँ शैलपुत्री भक्ति मण्डल के 21 साल पूरे होने रर पद यात्रा निकाल रही है।