रायपुर.छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने वर्ष 2017-18 के राज्य वीरता पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इन पुरस्कारों के लिए निर्णायक मंडल की अनुशंसा पर प्रदेश के 6 बहादुर बच्चों का चयन किया गया है जिन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को राजधानी रायपुर के पुलिस मैदान में आयोजित मुख्य समारोह सम्मानित किया जाएगा। इन बच्चों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सूझबूझ और साहस से दूसरों की जान बचाई है। बच्चों को पुरस्कार में 15-15 हजार रूपए की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र और चांदी के मेडल प्रदान किया जाएगा।
कृषि मंत्री तथा राज्य वीरता पुरस्कार 2017-18 के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित बैठक में इन बच्चों का चयन पुरस्कारों के लिए किया गया। पुरस्कारों के लिए 9 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इनमें से पांच प्रस्तावों के 6 बच्चों का चयन राज्य वीरता पुरस्कार 2017-18 के लिए किया गया। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू, छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष नरेशचंद्र गुप्ता, महासचिव डॉ. अशोक त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष अजय त्रिपाठी, सदस्य इंदिरा जैन सहित एनसीसी, गृह विभाग, पुलिस विभाग (इंटेलीजेंस) के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राज्य वीरता पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है-
1. कृष्णा सेठिया उम्र 10 वर्ष – तीन साल की बच्ची को छह फीट के गहरे गड्ढे से निकालकर बचाई जान: जिला मुख्यालय जगदलपुर के लाल बहादुर शास्त्री वार्ड क्रमांक 8 के लालबाग क्षेत्र में कचरा इकट्ठा करने और निष्पादन के उद्देश्य से शेड निर्माण के लिए छह फीट गड्ढा खोदा गया था। पास ही सुलभ शौचालय के लिए किए गए बोर का पानी इस गड्ढे में भरा हुआ था। 9 दिसंबर 2017 को आजाद आमागुडा लाल बहादुर शास्त्री वार्ड जगदलपुर निवासी श्रमिक तुलाराम सेठिया का छोटा बेटा कृष्णा सेठिया स्कूल से छुट्टी के बाद शाम 4.30 बजे अपने मित्रों के साथ सड़क के किनारे खेल रहा था। तभी उसने देखा कि पानी से भरे गड्ढे के पास तीन बच्चे खड़े थे। उन्होंने पास जाकर देखा तो एक बच्ची कुमारी सुहानी उम्र तीन साल पानी से भरे गड्ढे में डूब रही थी। वहां बच्चों के अलावा कोई नहीं था। सुहानी को डूबते देख बालक कृष्णा जनहानि की आशंका को भांप गया और वह बिना समय गवाएं पानी में कूदकर बालिका सुहानी के बाल पकड़कर ऊपर खींचा और किसी तरह उसे गड्ढे के ऊपर किनारे पर बिठाया और खुद गड्ढे से निकल आया तभी सुहानी की मां दौड़कर आयी और अपनी बच्ची की जान बचाने वाले बालक कृष्णा को गले लगा ली।
2. प्रशांत सिदार उम्र 17 वर्ष – दो छोटी-छोटी बच्चियों को तालाब में डूबने से बचाया: 13 मई 2017 को लगभग 11 बजे रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखण्ड के ग्राम पंचधार निवासी मूकबधिर महिला कनकलता प्रधान अपनी दो बेटियों के साथ घोड़ाडबरी तालाब में नहाने गई थी। इनमें एक बच्ची कुमारी खुशी प्रधान उम्र 7 वर्ष और दूसरी मीरा प्रधान उम्र 5 वर्ष की है। तालाब की गहराई लगभग 8-10 फीट है। कनकलता तालाब के किनारे कपड़े धो रही थी। दोनों बच्चियां खेलते-खेलते गहरे पानी में चली गई और डूबने लगी।कनकलता प्रधान की नजर उन दोनों बच्चियों पर पड़ी तो वह अपनी समझ न आने वाली आवाज के साथ इशारे से आसपास के लोगों को बुलाने और बताने का प्रयास करने लगी कि उनकी बेटियां पानी में डूब रही हैं। वह बार-बार पानी की ओर इशारा करती रही। तभी पंचधार के श्यामलाल सिदार के पुत्र प्रशांत सिदार और उनके मित्र की नजर मूकबधिर श्रीमती कनकलता प्रधान पर पड़ी। प्रशांत सिदार उनके इशारे को समझकर तालाब में छलांग लगा दी और गहरे पानी में बच्चियों को ढंूढने लगा। प्रशांत ने पहले छोटी बच्ची मीरा को बाहर निकाला। कनकलता के इशारे को पुनः समझते हुए फिर तालाब में कूदकर दूसरी बच्ची को ढूंढने का प्रयास करने लगा। इसी दौरान प्रशांत के पैर में बालिका खुशी का सर टकराया। प्रशांत ने अपनी जान की चिंता न करते हुए गहरे पानी में डूबकी लगाकर बालिका खुशी को बाहर निकाल दिया। दोनों बच्चियां बेहोश हो चुकी थी। दोनों को शीघ्र ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरमकेला में भर्ती कराया गया। प्रशांत सिदार की बहादुरी, सूझबूझ और हिम्मत से दोनों बालिकाओं की जान बच गई और एक अनहोनी घटना टल गई।
3. कुमारी खुशी साहू -: रामसागरपारा रायपुर निवासी मुकेश साहू की 9 साल की बेटी खुशी 01 मई 2017 को अपनी मां के कहने पर घर की दूसरी मंजिल पर तुलसी चौरा के पास खाली दीया लेने पहुंची। उसी समय उसने ढाई साल की बच्ची रितु को बालकनी के पास खेलते देखी। खुषी और रितु दोनों का घर आजू-बाजू है। दोनों की बालकनी आपस में लगी हुई है। रितु के घर में निर्माण काम चल रहा था जिसके कारण बालकनी से बाहर की ओर छड़ निकली हुई थी और बीच में कोई दीवार या घेराव भी नहीं था। छोटी रितु को वहां देखकर खुषी को अनहोनी का एहसास हुआ और वह रितु को घर के अंदर जाने को कहा। रितु खुषी की बात सुनकर पीछे हट गई और खुषी खाली दीया लेकर नीचे चली गई। कुछ देर बाद खुषी जलते हुए दीये को तुलसी चौरे पर रखने के लिए बालकनी में पुनः पहुंची तब उसे रोने की आवाज सुनाई पड़ी। वह रोने की आवाज सुनकर रितु के घर की ओर देखी जहां रितु की फ्रॉक छड़ में फंसी हुई थी, रितु का सर नीचे की ओर और पैर ऊपर की ओर थे। वह 30 फीट ऊंचाई से नीचे गिरने ही वाली थी। खुषी ने रितु के पैर पकड़कर उसे संभाला और रितु की मम्मी को आवाज लगाई। थोड़ी ही देर में रितु की बड़ी मम्मी पहुंची और खुषी के साथ मिलकर रितु को ऊपर खींच लिया। साहसी बालिका खुषी साहू ने नन्हीं रितु को 30 फीट नीचे गिरने से बचा लिया। रितु को ऊपर खींचने के दौरान खुशी को हल्की चोट आई जिसका प्राथमिक ईलाज किया गया।
4. कु. खेमलता साहू – ग्राम सौंगा विकासखण्ड मगरलोड जिला धमतरी: 1 अप्रैल 2017 को सौंगा निवासी फागराम साहू का 5 साल का पुत्र पुष्पराज शाम 5-6 बजे सड़क से लगे तालाब में नहाते समय गहरे पानी में चले जाने के कारण डूबने लगा। पुष्पराज को डूबते देखकर अन्य बच्चे चिलाते हुए भागने लगे। उसी समय पुष्पराज की बड़ी बहन 11 साल की कु. खेमलता साहू पास के ही हनुमान मंदिर में पूजा करने जा रही थी। बच्चों से पुष्पराज के तालाब में डूबने की बात सुनकर वह दौड़कर गई और तालाब में कूदकर अपने भाई को सुरक्षित बाहर लाई। तब तक तालाब के पास काफी भीड़ हो चुकी थी। बालक पुष्पराज तालाब की गहराई में जाने के कारण बहुत पानी पी चुका था। पुष्पराज की मां ने उसके पेट को दबाकर पानी को बाहर निकाला फिर उसे डॉक्टर के पास उपचार के लिए ले गई। कु. खेमलता साहू ने अपने छोटे भाई की जान बचा ली।
5. रितिक साहू और झगेन्द्र साहू – नदी के भंवर में फंस चुके एक दोस्त की जान बचाई: 29 जुलाई 2017 को शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला विवेकानंद नगर रायपुर की कक्षा सातवीं में पढ़ने वाले बच्चे साहिल टंडन, छत्रपाल टंडन, झगेन्द्र साहू, रितिक साहू, कृष्णा महानंद और आकाश साहू (सभी की उम्र 11-13 वर्ष) भाठागांव के पास खारून नदी एनीकट की ओर घूमने गये और थोड़ी देर बाद नदी में नहाने लगे। नहाते समय साहिल टंडन और आकाश साहू पानी में कुछ आगे चले गये। नदी के तेज बहाव के कारण साहिल भंवर में फंस गया। आकाश भी भंवर में फंसने लगा तो उसने हाथ ऊपर करके मदद के लिए आवाज लगाई। दोस्तों का ध्यान उसकी ओर गया। रितिक साहू अपने दोस्त को बचाने के लिए बिना समय गवाएं पानी में कूद गया। उसने पानी में डूबते हुए आकाश को पकड़ लिया। पकड़ कमजोर होने लगा तो उसने झगेन्द्र साहू को आवाज लगाई। झगेन्द्र को ठीक से तैरना नहीं आता था, फिर भी उसने रितिक की मदद करने नदी में कूद पड़ा। फिर दोनों ने मिलकर आकाश को पानी से बाहर निकाला। बच्चों द्वारा मदद के लिए आवाज लगाने से लोग वहां पहुंच गए। नदी की गहराई में चले जाने के कारण आकाश के पेट में पानी भर गया। लोगों की मदद से आकाश के पेट को दबाकर पानी को बाहर निकाला गया। आकाश को होश आने पर घटना की सूचना उसकी मां को दी गई। इस बीच छात्र साहिल टंडन का कुछ पता नहीं लगने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस द्वारा गोताखोरों की मदद से दो घंटे के बाद साहिल का शव नदी से बाहर निकाला गया। रितिक और झगेन्द्र को अपने दोस्त साहिल को बचा नहीं पाने का दुःख है, परंतु आकाश को सुरक्षित बचाने की खुशी भी है।