दुर्ग। उत्तराखंड में भिलाई के करीब 30 यात्री फंसे होने की खबर है. तेज बारिश और भूस्खलन के कारण कसौली और नैनीताल के बीच कैची धाम के पास सभी यात्री फंसे हैं. सभी टूरिस्ट 14 अक्टूबर से निकले हैं. भिलाई के छात्र समेत महिला भी शामिल हैं. नैनीताल में बीते तीन दिनों से कुदरती कहर जारी है.

उत्तराखंड में पिछले करीब तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश का दौर खत्म होने वाला है. राज्य के मौसम विज्ञान केंद्र ने मौसम का अनुमान बताते हुए कहा ​है कि बुधवार से लगभग सभी जगह मौसम साफ हो जाएगा. मूसलाधार बारिश ने 125 का साल का​रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस बारिश से करीब 23 लोगों की मौत हो गई है. कई शहरों में तहस-नहस जारी है.

इससे पहले मंगलवार को राज्य के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट बताने वाले मौसम केंद्र ने आज कहा कि मंगलवार शाम के बाद मौसम बदलेगा और बारिश का दौर रुक जाएगा. मौसम केंद्र के मुताबिक इस बारिश ने कुमाऊं अंचल में सवा सौ साल का रिकॉर्ड ​तोड़ दिया.

पिछले 48 घंटे बारिश के चलते 23 लोगों की मौत हो गई है. अकेले कुमाऊं में ही 17 लोगों की मौत की खबर है. वहीं नैनीताल में 13, अल्मोड़ा में 4, उधमसिंहनगर और अल्मोड़ा में 1-1 लोग लापता भी हैं. वहीं सोमवार को पौड़ी में 3, चंपावत में 2 और पिथौरागढ़ में 1 व्यक्ति की मौत हो गई थी.

मौसम केंद्र ने पिछले 24 घंटों का ब्योरा बताते हुए कहा कि कुमाऊं अंचल में पिछले 24 घंटों की बारिश ने 124 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए. इस दौरान कुमाऊं के कुछ इलाकों में 500 मिलीमीटर तक रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई. इधर, उत्तराखंड की इस बारिश के बारे में सीएम धामी ने कहा कि अब तक 16 मौतों की पुष्टि हुई है और राज्य में मकानों व पुलों समेत इन्फ्रास्ट्रक्चर का भारी नुकसान हुआ है.

सीएम धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को उत्तराखंड की ताज़ा मौसम स्थितियों की जानकारी दी. धामी ने यह भी कहा कि राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशनों के लिए तीन हेलीकॉप्टरों की भी तैनाती की गई है. ऊधमसिंह नगर में स्थित नानक सागर डैम के सभी दरवाज़े खोलने पड़े, क्योंकि भारी बारिश के कारण बहाव बेहद बढ़ गया.

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