नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के गांधी नगर इलाके से 7 साल के एक बच्चे का अपहरण करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पुलिस अधिकारी के अनुसार, उन्हें शाम करीब 5.39 बजे गांधी नगर पुलिस स्टेशन में अपहरण की घटना के बारे में एक फोन आया और अपहरणकर्ता बच्चे की सुरक्षित रिहाई के लिए 1.10 करोड़ रुपये की मांग कर रहा था.
आरोपी ने मांगी थी 1 करोड़ 10 लाख रुपए की फिरौती
परिवार ने पुलिस को सूचित किया कि उनके बेटे का अपहरण उनके ही नौकर ने किया है, जिसकी पहचान मोनू के रूप में हुई है, जिसे उनके द्वारा एक महीने पहले ही काम पर रखा गया था. पुलिस उपायुक्त आर सथियासुंदरम ने कहा, “नौकर ने उनके साथ 8-9 दिनों तक काम किया और चला गया. लगभग 5-6 दिन पहले, उसे फिर से ज्यादा वेतन के साथ फिर से काम पर रखा गया, क्योंकि बच्चे का नौकर के साथ लगाव हो गया था और नौकर के जाने के बाद बच्चा रोने लगा था और नौकर को दोबारा बुलाने की मांग करने लगा था.”
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शाम करीब 4 बजे मंगलवार को आरोपी अपहरणकर्ता मोनू बच्चे की मां को सूचना देकर बच्चे को घुमाने ले गया था. करीब एक घंटे बाद जब वे नहीं लौटे, तो उसकी मां ने नौकर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ था. कुछ मिनटों के बाद आरोपी नौकर ने उसके मोबाइल फोन पर कॉल किया और बच्चे की सुरक्षित रिहाई के लिए 1.10 करोड़ रुपये की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने कई टीमें तैनात कर अपनी जांच शुरू की.
परिवार ने नहीं कराया था नौकर का पुलिस वेरिफिकेशन
नौकर को ढूंढना काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि शिकायतकर्ता ने आरोपी नौकर का कोई पुलिस सत्यापन नहीं किया गया था. कई टीमों को (जिनमें से कुछ सिविल कपड़ों में थीं) रेलवे स्टेशनों, नजदीकी मेट्रो स्टेशनों, आईएसबीटी, चेक पोस्टों आदि के साथ-साथ आरोपियों के संदिग्ध ठिकानों पर भेजा गया. पुलिस ने कहा कि टीम ने विभिन्न पार्कों, आइसोलेटेड इमारतों और पार्किंग स्थल पर भी तैनात किया गया.
इस बीच परिवार ने बातचीत का प्रयास जारी रखा, क्योंकि फिरौती की राशि बहुत बड़ी थी. आरोपियों को बताया गया कि परिवार केवल 10 लाख रुपये का भुगतान कर सकता है, क्योंकि उनके पास देने के लिए इतने पैसे नहीं हैं. हालांकि, आरोपी नौकर ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया और माता-पिता को एक घंटे के भीतर 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने का निर्देश दिया और उसके बाद मोबाइल बंद कर दिया.
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करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रात करीब साढ़े आठ बजे अपहरणकर्ता को बच्चे के साथ गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन के पास देखा गया. जहां आरोपी द्वारा मांगे गए रुपयों का इंतजाम कर माता-पिता से कॉल बैक आने का इंतजार कर रहा था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अपहृत बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया है.
आरोपी ने कबूल किया जुर्म
पूछताछ के दौरान, आरोपी ने कबूल किया कि वह मुंबई में फिरौती के पैसे से एक फ्लैट खरीदने की योजना बना रहा था, जहां वह कुछ साल पहले डेकोरेटर के रूप में काम कर रहा था. अपहृत बच्चे की मां ने दिल्ली पुलिस को धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि “उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. बच्चे के पिता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उनके बच्चे को जल्द से जल्द ढूंढने में पूरा सहयोग दिया. पिता ने कहा, “मैं दिल्ली पुलिस के सभी अधिकारियों का हमेशा ऋणी रहूंगा.”
हालांकि, उन्होंने पुलिस सत्यापन नहीं करने पर खेद व्यक्त किया, जिससे पुलिस के लिए आरोपी को ढूंढना मुश्किल हुआ. उन्होंने कहा, “मोनू 5-6 दिन पहले हमारे एक परिचित के माध्यम से हमारे यहां काम करने आया था, इसलिए हमने पुलिस सत्यापन करने पर विचार नहीं किया.” पुलिस ने कहा कि अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
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