धमतरी। धमतरी जिले में 4 लोगों को अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर तेंदुए को वन विभाग की टीम ने पकड़कर पिंजरे में बंद कर दिया है. जिसको देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है. अब लोग इस तेंदुए के डर से बाहर हैं और राहत की सांस ले रहे हैं. इससे पहले लोग शाम होते ही इसके डर से अपने घरों में कैद हो जाते थे.

इससे पहले भी इसी क्षेत्र में वनविभाग ने तेंदुआ को पिंजरे में कैद किया था. जिसके बाद माना जा रहा था कि सिहावा इलाके के लोगों को खतरनाक तेंदुए की दहशत से निजात मिल गई. लेकिन कुछ महीनों बाद फिर से इसी इलाके में दूसरे तेंदुए ने अपना आंतक फैलाना शुरू कर दिया. तेंदुआ के पकड़े जाने पर लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि ये कहना मुश्किल है कि ये वहीं तेंदुआ है जिसने मासूमों को अपना शिकार बनाया था. लगातार तेंदुए के आतंक के कारण वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए जंगल में पिंजरा लगाया था.

बीते कुछ महीनों से सिहावा इलाके में तेंदुआ लोगों को अपना शिकार बना रहा था. तेंदुआ ने 15 मई को मुकुंदपुर में 8 साल के बच्चे की जान ले ली थी. इसके अलावा 23 सितम्बर को मुकुंदपुर में ही 12 साल के बच्चे और 11 अक्टूबर को श्रृंगी ऋषि पहाड़ी पर 6 साल के बच्चे की जान ले लिया था. तेंदुए का आतंक इतना बढ़ गया था कि लोग शाम ढलते ही अपने घरों में दुबक जाया करते थे. लगातार हो रहे मौतों से नाराज ग्रामीणों की शिकायतों के बाद वन विभाग ने इस इलाके में 4 अलग-अलग जगहों में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था. जिसमें अब तेंदुआ फंस गया.

सिहावा इलाके में तेंदुए ने आतंक मचा रखा था. लगातार तेंदुए के हमले से हो रही मौतों से नाराज लोगों ने सिहावा में चक्काजाम भी किया था और वन विभाग के खिलाफ आक्रोश जताया था. तब आदमखोर तेंदुए पर नजर रखने के लिए वन विभाग ने अधिकारी,कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी. वहीं ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनका सहयोग लेते हुए आसपास गांव में मुनादी कराई थी.

इस मामले में वन विभाग के एसडीओ हरीश पांडे ने बताया कि एक तेंदुआ पकड़ा गया है. जिसे दूर टाइगर रिजर्व के जंगल में कम आबादी वाले क्षेत्र में छोड़ा जाएगा. तेंदुआ आदमखोर है कि नहीं, नर है कि मादा, कितने वर्ष का है ,बच्ची पर हमला करने वाला यही तेंदुआ है कि नहीं ये अभी स्पष्ट नहीं हुआ है.