नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के बड़े हिस्से में मौसम अचानक बदल गया. रविवार देर रात आंधी-तूफान के बाद बारिश और ओलावृष्टि हुई. राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों खासतौर पर उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व क्षेत्र और नोएडा में ओलावृष्टि देखी गई. यहां तक कि 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. शाम 7 बजे पालम में पश्चिम-उत्तर-पश्चिमी हवाएं दर्ज की गईं.

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूवार्नुमान ने पहले दिन में और शनिवार को भी भविष्यवाणी की थी कि उत्तरी पाकिस्तान और पड़ोस में एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में ‘पश्चिमी विक्षोभ’ और मध्य क्षोभमंडल में संबंधित ट्रफ इस बरसात के लिए जिम्मेदार हैं. आईएमडी की सफदरजंग वेधशाला ने शाम 5.30 बजे तक केवल 0.06 मिमी बारिश दर्ज की, लेकिन रात 8.30 बजे तक 26.4 मिमी बारिश हो चुकी थी. पालम वेधशाला ने शाम 5.30 बजे तक बारिश का पता लगाया और शाम 5.30 से 8.30 बजे के बीच 4.9 मिमी दर्ज किया गया.

एक बार 2013 में और दूसरी बार 2019 में दिल्ली में 24 घंटे की सबसे अधिक बारिश 38.6 मिमी और 47.3 मिमी दर्ज की गई थी, जो अक्टूबर के महीने में मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है, नहीं तो मानसून की वापसी के बाद अक्टूबर में 10 मिमी से कम वर्षा होती है. अक्टूबर की सबसे अधिक वर्षा का सर्वकालिक रिकॉर्ड 1 अक्टूबर, 1954 को था, जब दिल्ली में 172.7 मिमी बारिश हुई थी. ओलावृष्टि के बारे में मौसम विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, “उत्तर-पश्चिम दिल्ली और हरियाणा के आसपास के हिस्सों में ओलावृष्टि हुई होगी. रडार ने भी इसका संकेत दिया है”.

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हालांकि, आईएमडी द्वारा आधिकारिक तौर पर ओलावृष्टि की सूचना तभी दी जाती है, जब यह उसकी किसी वेधशाला में होती है. रविवार रात 9.30 बजे के बाद बारिश कम होकर बूंदाबांदी और हल्की बारिश हो गई. क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर और उसके बाद शुष्क मौसम था. सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में ही बारिश नहीं हुई, बल्कि हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आसपास के कई इलाकों जैसे ग्रेटर नोएडा, मेरठ, पिलखुआ, गाजियाबाद, मोदीनगर, दादरी, शामली, बुलंदशहर, छपरौला, यमुना नगर, सोनीपत, जींद, रेवाड़ी में भी बारिश हुई. आईएमडी ने कहा कि चरखी दादरी, झज्जर, मानेसर, करनाल, पानीपत और कैथल सहित कई जगहों पर ओले भी पड़े.