अमृतसर। भारतीय सैनिक क्रुणाल कुमार हनीट्रैप केस में फंस गया है. बस ये अच्छी बात रही कि टास्क पूरा करने से पहले ही वह गिरफ्तार हो गया. क्रुणाल को पाकिस्तान में बैठी ISI की अधिकारी सिदरा खान ने लेटेस्ट टास्क दिया था, जिसे उसे पूरा करना था, लेकिन उससे पहले ही वह स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) के हत्थे चढ़ गया. उसे फिरोजपुर कैंट में अधिकारियों के तबादले और हथियारों की डिटेल उपलब्ध कराने का काम मिला था.

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आरोपी जवान क्रुणाल कुमार SSOC के पास 4 दिन के लिए है. उसे पूछताछ चल रही है. केस को और स्ट्रॉन्ग करने के लिए SSOC उससे पैसों के लेन-देन के तरीकों को जानना चाहती है. अगर पैसा हवाला से भी आया है, तो उस तक पैसा किसने पहुंचाया और कैसे, इसकी जांच जारी है. पूछताछ में क्रुणाल ने पाकिस्तानी एजेंट सिदरा का नाम लिया है. उसने बताया कि सिदरा खान ने उसे टास्क दिया था. क्रुणाल ने बताया कि उसे फिरोजपुर कैंट की विस्तृत डिटेल पाकिस्तान भेजनी थी, जिसमें सबसे पहले यहां बीते दिनों हुए तबादलों का ब्योरा मांगा गया. दूसरा अहम काम हथियारों की डिटेल से संबंधित है.

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पाकिस्तानी एजेंट सिदरा खान क्रुणाल से फिरोजपुर के आर्मी डंप में कौन-कौन से हथियार हैं और उनकी गिनती जानना चाहती थी. इसके अलावा सुरक्षा के लिए कौन-कौन से तरीके भारत सरकार अपना रही है, इसके बारे में भी क्रुणाल को जानकारी देने के लिए कहा गया था. फिलहाल SSOC की टीम के साथ-साथ आर्मी की खुफिया एजेंसियां भी क्रुणाल से लगातार पूछताछ कर रही हैं. क्रुणाल पिछले दो सालों से पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था. क्रुणाल की पोस्टिंग से लेकर अब तक वह किस-किस के संपर्क में आया है, इसका ब्योरा जुटा रही है.

 

क्रुणाल के लिए गोपनीय सूचनाएं जुटाना था आसान

क्रुणाल के लिए आईटी सेल में होने के कारण जानकारियां जुटाना काफी आसान था. तीनों सेनाएं अब ऑर्डर हों या अन्य कोई भी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से ही एक जगह से दूसरी जगह भेजती है. वहीं क्रुणाल खुद आईटी सेल में लगा हुआ था, जिसके चलते केंद्र या उच्चाधिकारियों से आने वाले ऑर्डर सबसे पहले उसी के आईटी सेल को मिल जाते थे.