नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से अपील की है कि वे इस बार दिवाली दिल्ली के बॉर्डरों पर ही मनाएं. बता दें कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून के खिलाफ पिछले 11 महीने से किसान धरना दे रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि इस दिवाली वह गांव से निकलकर बॉर्डर पर आएं और अपनी भागीदारी बढ़ाएं.

दिल्ली के 4 बॉर्डरों पर किसानों का धरना

दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर 26 नवंबर 2020 से किसान धरने पर बैठे हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के किसानों की मौजूदगी गाजीपुर बॉर्डर पर है. पंजाब-हरियाणा के किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे हैं. शाहजहांपुर बॉर्डर पर राजस्थान के किसानों का डेरा है. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, जब तक वे विरोध-प्रदर्शन करते रहेंगे. किसानों ने लोहड़ी, होली, रक्षाबंधन समेत अन्य त्योहार दिल्ली के बॉर्डरों पर ही मनाए हैं.

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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पिछले साल से ही धरने पर हैं. इस बीच वह कई बार मुजफ्फरनगर जरूर गए, लेकिन घर नहीं गए. दरअसल, किसानों ने एलान कर रखा है कि तीन कृषि कानूनों की वापसी के बिना वह घर नहीं आएंगे. ऐसे में किसान और नेताओं के परिवार ही समय-समय पर बॉर्डर पर आकर ही उनसे मिलते रहते हैं.

 

को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन

गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा यूपी की एक बैठक हुई. 9-10 सितंबर की लखनऊ बैठक में हुए निर्णय को ध्यान में रखते हुए संगठनों के बीच सामंजस्य और तालमेल बनाए रखने के लिए 9 सदस्यीय को-ऑर्डिनेशन कमेटी का भी गठन हुआ. बैठक में 6 सदस्यों राजवीर सिंह जादौन, मुकुट सिंह, धर्मपाल सिंह, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, तेजेंद्र सिंह विर्क और गुरमनीत सिंह मांगट के नामों पर सहमति बनी. वहीं मीडिया प्रभार के लिए सीपी सिंह और शशिकांत के नाम पर सहमति बनी. बाकी के नामों पर अगली मीटिंग में फैसला होगा.