हेमंत शर्मा, जोबट। जोबट विधानसभा की यात्रा में आज लल्लूराम डॉट कॉम की टीम एक ऐसे गांव में पहुंची जहां बरसों पहले एक पुलिया तो बनाई गई थी लेकिन गांव से जोड़ने वाली सड़क नहीं। और वो पुलिया भी 6 साल पहले पानी में बह गई। इस गांव के विकास का सच यहां रहने वाले लोगों से हमने जाना और उनकी समस्याओं को करीब से समझने की कोशिश भी की।
जोबट विधानसभा का यह गांव नेहातड़ा है। यहां पहुंचते ही हम पुलिया की हालत को देखकर ठिठक गए। यहां ग्रामीण अपनी जान को जोखिम में डालकर टूटी पुलिया से इसी तरह पिछले 6 साल से गुजर रहे हैं। इस टूटी पुलिया से गिरकर कई ग्रामीण अब तक घायल हो चुके हैं। ग्रामीण अब इस जोखिम भरे सफर के आदि भी हो चुके हैं। ग्रामीणों की नजर में अब यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। वे गांव में पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं की बढ़ती संख्या को देखकर परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई युवक कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। नौकरी के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल रही। ऐसे युवा अब खेतों में मजूदरी का काम कर रहे हैं।
गांव में शिक्षा के हालात जानने की हमने कोशिश की। यहां स्कूल भी है शिक्षक भी पढ़ाने आते हैं और बच्चे भी पढ़ने पहुंचते हैं। यहां के शिक्षकों से हम ने बात की, एक शिक्षक बीए पास हैं लेकिन उन्हें बीए का फुल फॉर्म ही नहीं मालूम। एक शिक्षक ऐसे भी मिले जिन्हें राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के बारे में ही जानकारी नहीं है। स्कूल में बच्चों को कैसी शिक्षा मिल रही होगी इसका हम और आप अंदाजा लगा सकते हैं।
गांव में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन वह भी बंद था। यह मंगलवार को ही खुलता है और ग्रामीणों का इलाज इसी दिन किया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि वे बीमार हो जाते हैं तो उन्हें बड़े अस्पतालों में पैसे लगाकर अपना इलाज कराना पड़ता है।