वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में SECL की नाकामी साफ नजर आ रही है. SECL प्रबंधन न बेरोजगारों को नौकरी दे पा रहा है, न ही छोटे उद्योगों को अच्छे से कोयला सप्लाई कर पा रहा है. यहां तक की व्यवस्थापन नीति का भी पालन नहीं कर रहा है. यही वजह है कि बुधवार को जनता कांग्रेस के नेता और लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बिलासपुर स्थित एसईसीएल मुख्यालय का घेराव किया. प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और कोयले की कमी को लेकर एसईसीएल दफ्तर के सामने जमकर नारेबाजी की. 3 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रबंधन को पत्र सौंपा है. मांग पूरी नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
एसईसीएल प्रबंधन नियमों की उड़ा रहा धज्जियां
लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने केंद्र सरकार और SECL प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है. दूसरी तरफ एसईसीएल खदानों में निकलने वाली वैकेंसी भी पूरी नहीं कर रही है. जिन क्षेत्रों में कोयला उत्पादन किया जा रहा है और खदान खोली जा रही है. वहां के लोगों की जमीन अधिग्रहण करने के बाद भी मुआवजा की राशि नहीं दिया गया है. जमीन मालिक के परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी देने के नियम की भी धज्जियां एसईसीएल प्रबंधन द्वारा उड़ाई जा रही है.
छोटे उद्योगों को नहीं मिला कोयला, बंद होने की कगार पर
विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि पिछले दिनों केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी कोरबा के खदानों का निरीक्षण करने पहुंचे थे और कहा था कि कोयले की कमी नहीं है. विधायक ने कहा कि अगर कोयले की कमी नहीं है, तो फिर छोटे उद्योगों को कोयला क्यों नहीं दिया जा रहा है ? कोयला नहीं मिलने की वजह से छोटे उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में बेरोजगारी और बढ़ेगी. यदि छोटे उद्योग और इस्पात संयंत्र बंद होंगे, तो वहां के कर्मचारी बेरोजगार होंगे. बेरोजगारी और बढ़ेगी.
व्यवस्थापन नीति का पालन नहीं हुआ SECL
धर्मजीत सिंह ने बताया कि व्यवस्थापन नीति का पालन SECL द्वारा नहीं किया जा रहा है. केंद्र सरकार की गाइडलाइन है कि जिन क्षेत्रों में कोयला खदान खोला गया है. वहां के जमीन मालिकों को व्यवस्थापन नीति के तहत उनके जमीन का पैसा और परिवार के सदस्य को नौकरी, व्यवस्थापित परिवार को जमीन खरीद कर देना होता है. लेकिन एसईसीएल व्यवस्थापन नीति का पालन नहीं कर रहा है.
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
इस वजह से जहां छत्तीसगढ़ की जनता की जमीन उनके हाथ से चली जा रही है. नौकरी नहीं मिलने की वजह से बेरोजगारी भी बढ़ रही है. जनता कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ लोरमी विधायक ने SECL प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा है. मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
SECL के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. सनीश चंद्र ने यह बयान दिया है कि देश में कोयले की मांग बढ़ी है. मानसून के दौरान एसईसीएल का उत्पादन कम हुआ. अब स्थितियों में सुधार आ रहा है. उत्पाद के उत्साहवर्धक आंकड़े जल्दी ही सामने आएंगे. पावर सेक्टर के साथ ही नान पावर सेक्टर को कोयले की आपूर्ति की जा रही है. कोयले की आपूर्ति में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
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