रायपुर- संघ प्रमुख मोहन भागवत की 15 जनवरी को होने वाली सार्वजनिक सभा कार्यक्रम में अध्यक्षता के लिए सर्व आदिवासी समाज को न्यौता भेजा गया था, जिसे समाज ने ठुकरा दिया. दरअसल संघ द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभा के लिए अलग-अलग वर्गों के लोगों को आमंत्रण भेजा गया है. संघ के सूत्र बताते हैं कि समरसता के भाव के मद्देनजर हर वर्ग के लोगों को संघ ने सार्वजनिक सभा के लिए आमंत्रित किया है. कोशिश की गई है कि सभा में हर वर्ग के प्रमुखों को प्रतिनिधित्व दिया जाए.
इस रणनीति के तहत ही संघ के पदाधिकारियों ने सर्व आदिवासी समाज को भी आमंत्रण भेजा था, लेकिन इसे समाज ने ठुकरा दिया.
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने लल्लूराम डाॅट काॅम से बातचीत में कहा कि संघ हिन्दुओं की बात करता है, लेकिन आदिवासी अपने आप को हिन्दू नहीं मानता, लिहाजा कार्यक्रम में जाने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि आदिवासी अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति नीति पर चलते हैं.
आदिवासी समाज की ओर से सामने आए इस बयान पर लल्लूराम डाॅट काम ने संघ की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश भी की, लेकिन संघ के किसी भी आला पदाधिकारियों से चर्चा नहीं हो पाई.