रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ और झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों की ठोड़का और तुरही के साथ जुगलबंदी चर्चा के साथ आकर्षण का केंद्र रही. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी जीवन शैली और विकास योजनाओं पर केंद्रित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. प्रदर्शनी में बनाये गए गौठान के मॉडल पर दोनों मुख्यमंत्रियों ने एक साथ सेल्फी ली.

राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान पर चल रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान दो आदिवासी बाहुल्य राज्यों छत्तीसगढ़ और झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों ने भी पारंपरिक वाद्य ठोड़का और तुरही बजाकर जुगलबंदी की. झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जब ठोड़का बजाना शुरू किया तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तुरही बजाकर उनका साथ दिया. यह दिलचस्प नजारा जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल पर नजर आया. इस स्टॉल में जनजातीय समुदायों में प्रचलित पारंपरिक वाद्य यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है.

हेमंत सोरेन ने भूपेश बघेल के साथ आयोजन स्थल में छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गई विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ कर उसका अवलोकन किया. मुख्यमंत्री द्वय ने जल संसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, आजीविका गुड़ी (आरआईपीए) के स्टालों का निरीक्षण कर उनके कार्य प्रणाली से अवगत हुए. आजीविका गुड़ी में लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाइयों के निरीक्षण के दौरान उन्होंने मिनी ऑयल मिल, मिनी दाल मिल और मुर्रा, चना, लाई, पॉपकार्न फोड़ने जैसे अन्य लघु इकाइयों की कार्य प्रणाली का अवलोकन किया. इस दौरान सोरेन ने छत्तीसगढ़ी मुर्रा का स्वाद भी चखा.

मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्य अतिथि सोरेन को कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठान का मॉडल दिखाकर वहाँ संचालित होने वाली आजीविका सम्बंधित गतिविधियों से अवगत कराया. इसके साथ ही इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय में उत्पादित किये जा रहे रागी आटा, कोदो, चावल, हर्बल गुलाल एवं चावल की विभिन्न प्रजातियों के बारे में बताया.

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