नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए फटकार लगाई, जिसने दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना राष्ट्रीय राजधानी में अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ एक युवती से शादी कर ली. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने कहा कि यहां दिल्ली में इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी. आप यहां अवैध काम नहीं कर सकते. उच्च न्यायालय ने कहा कि युवती की उम्र 18 वर्ष से अधिक है और उसने अपनी मर्जी से शादी की थी.

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न्यायाधीश ने कहा कि मैं सभी सीसीटीवी फुटेज मंगवाऊंगी और अगर मुझे लगेगा कि शामली पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली आई है, तो मैं सुनिश्चित करूंगी कि आपके खिलाफ विभागीय जांच की जाए. अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों की उम्र की पुष्टि किए बिना उन्हें गिरफ्तार करने चले जाते हैं, चाहे वह नाबालिग हो या नाबालिग ?

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हाईकोर्ट ने कहा कि जब युवती बालिग हो, माता-पिता का घर छोड़ दिया हो और अपनी मर्जी से किसी पुरुष से शादी कर ली हो, तो धारा 366 आईपीसी (अपहरण, अपहरण या युवती को शादी के लिए मजबूर करने के लिए प्रेरित करना, आदि) के तहत एक अपराध और धारा के तहत एक परिणामी अपराध है. उसे 368 आईपीसी (गलत तरीके से छिपाने या कैद में रखने, अपहरण या अपहरण करने वाले व्यक्ति) को आरोपित नहीं किया जा सकता.

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अदालत ने निर्देश दिया कि स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) द्वारा एक विस्तृत हलफनामा दायर किया जाए कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने युवती का पता लगाने के लिए क्या प्रयास किए और क्या दंपति ने यह भी शिकायत की, कि उन्हें युवती के परिवार से बार-बार धमकी मिल रही है ? याचिका में यह भी दावा किया गया है कि उस व्यक्ति के पिता और भाई का डेढ़ महीने बाद भी पता नहीं चला है, क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस उन्हें ले गई है.