नई दिल्ली। देश में आज 14 राज्यों में लोकसभा की 3 और अलग-अलग राज्यों के विधानसभाओं की 30 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इस चुनाव में कई सरकारों की अग्नी परीक्षा हो रही है. चुनाव में कई मुख्यमंत्रियों की साख दांव पर लगी है. कई मुकाबले काफी दिलचस्प दिखाई दे रहे हैं. इसमें कई ऐसे सीट हैं, जहां बीजेपी कांग्रेस में कांटे की टक्कर है. नेताओं की धड़कनें तेज हो गई है.

उपचुनाव का ‘बाजीगर’ कौन ? MP में 3 विधानसभा और 1 लोकसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी, कई मतदान केंद्रों में EVM खराब, जानिए किसने डाला पहला वोट

दरअसल, 30 विधानसभा सीटों और लोकसभा की 3 सीटों पर आज उपचुनाव के लिए वोटिंग हो रही है. इनमें मध्य प्रदेश की 3, बिहार की 2, हरियाणा की 1, हिमाचल प्रदेश में 3, तेलंगाना की एक, आंध्र प्रदेश की एक, कर्नाटक में 2, महाराष्ट्र में एक, प. बंगाल में चार, असम की पांच, मेघालय में तीन, नागालैंड में एक, मिजोरम में एक, राजस्थान में दो सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं.

साथ ही अगर हम बात करें लोकसभा के लिए तो दादरा और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्य प्रदेश की खंडवा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें बीजेपी कांग्रेस ने जीत के लिए एड़ी चोटी एक कर के रखी थी. जोर शोर से चुनाव प्रसार हुए. नेताओं ने विकास के लिए वादों की झड़ी लगा दी थी.

हिमाचल प्रदेश में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद मंडी सीट खाली हो गई थी. वहीं खंडवा संसदीय क्षेत्र के लिए उपचुनाव भाजपा सदस्य नंद कुमार सिंह चौहान की निधन के कारण कराना पड़ रहा है. दादरा और नगर हवेली से निर्दलीय लोकसभा सदस्य मोहन देलकर के निधन के बाद उपचुनाव करवाए जा रहे हैं. मुंबई के एक होटल से उनका शव बरामद हुआ था.

हालांकि, यह बात सही है कि इनके परिणामों से किसी राज्य में वर्तमान सरकार के अस्तित्व पर खतरा पैदा नहीं होगा, लेकिन चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि इनके नतीजों से जीतने वाली को नई ऊर्जा जरूर मिलेगी. अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो जाएगा. जिन पार्टियों को अधिक सीटें मिलेंगी, वे आत्मविश्वास का प्रदर्शन करेंगी.