रायपुर। छत्तीसगढ़ के अपने तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों से संघ से जुड़ने की अपील की है. उन्होंने लोगों से सवाल किया कि गौ रक्षा क्यों, ग्राम विकास क्यों, क्यों हम चाहते है कि समाज मे ऊँच नीच का विचार ना हो. इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि ये सारी बाते सम्पूर्ण अस्तित्व की एकता से जुड़ा है. ऐसे छोटे मोटे उपक्रमों के द्वारा जनजागरण करना चाहिए, यह वक़्त की आवश्यकता है. यह सत्य मेव जयते की भूमि है. यदि सत्व की शक्ति प्राप्त करनी है तो शाखा जाना जरूरी है. यदि शाखा में एक घंटे रोज दें तो हम सबका जो धर्म है मानव धर्म जिसे कहते है राष्ट्र को परम् वैभव पर ले जाने के लिए समर्थ बनेगे. समाज हित में शाखा से जुड़ जाए. रोज के समय मे कुछ समय और रोज की कमाई का कुछ हिस्सा इसके लिए रख दें. कुछ ही वक़्त में शोषण मुक्त भारतवर्ष सजे धजे रुप में सम्पूर्ण विश्व पर शासन करता नजर आएगा.
भारत में पला बढ़ा कोई भी हो, किसी भी धर्म-सम्प्रदाय का हो संतोष से ही सुख मिलेगा. खुद के लिए खूब बटोर रहे हो, लेकिन बांटोगे तभी सुख मिलेगा. अलगाव में सुख नहीं है, ये साइंस कहता है. हमको अलगाव से लेना देना नहीं. हमें जोड़ने वाली बातें देखनी चाहिए. सभी के पूर्वज एक हैं. पूरी दुनिया समान पूर्वजों की वंशज है. आज विश्व बंधुत्व वाला भारत दुनिया में इकलौता देश है.
मोहन भागवत ने इशारों ही इशारों में केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकारों को आगाह करते हुए कहा कि सत्ता कृत्रिम चीज है जो बदलती रहती है, इधर से उधर भागती है. सत्ता ज्यादा नहीं चलती.
मोहन भागवत के भाषण के प्रमुख अंश
-अफगानिस्तान से लेकर श्रीलंका तक सभी का डीएन एक है
– दुनिया मे अनेक पंथ, सम्प्रदाय है और रहेंगे, उसमें किसी भी रुप में शिकवा करना गलत है.
– धर्म तो ठीक है लेकिन धर्म के नाम पर अहंकार प्राप्त करना दुख को आमंत्रण देता है.
– आज व्यापार की वजह से लोग समूह बना रहे हैं. व्यापार एक साधन है, लेकिन मनुष्य जाति को बाजार जोड़ नहीं सकता, बाजार में स्वार्थ होता है.
– भारत की एकता, अखंडता की आड़ में आने वाले कोई भी चीज हमारे सुख का नहीं बल्कि दुख का कारण बनेगी. जब तक हम एक साथ रहे कभी संकट नहीं आया. लेकिन जब देश के स्वार्थ से जब हमने अपने स्वार्थ को ऊपर रखा तो देश टूट गया. अब देश कर्ज में डूब गया.
– भारत मे करोड़ों देवी देवता पहले से हैं लेकिन साईं बाबा पहले नहीं थे लेकिन अब आ गए, संतोषी माता पहले नहीं थी लेकिन अब आ गई.
– दुनिया में विश्व बंधुत्व की बात करने वाला इकलौता देश भारत है.
– दुनिया का सिरमौर देश बनेगा भारत. हम बगैर किसी को डराए धमकाए दुनिया का सिरमौर बनेंगे. वैभवशाली राष्ट्र बनेगे.
– गाँव-गाँव में गली गली में सबके साथ मिलकर चलने वाला चेहरा खड़ा होगा.
– लोगों से दोस्ती करनी होगी, स्वार्थ के लिए नहीं. हो सकता है कहीं कहीं आपको गाली भी सहन करनी होगी, लेकिन ये भाव रखकर चलना होगा कि गाली देने वाला भी हमारा ही है. उसे संस्कृति से जोड़ना है.
-संघ प्रमुख ने कहा दुनिया में अनेक संप्रदाय थे और हैं और रहेंगे चिंता की जरुरत नहीं. मनुष्य जाति एक है.
-जिस दिन हमने अलग-अलग सोचना शुरु कर दिया, अपने स्वार्थ को देश के ऊपर मानना शुरु कर दिया तो देश टूट जाएगा.
-भागवत ने कहा देश में 3 हजार 8 सौ से ज्यादा बोलिया हैं
-संपूर्ण देश का भारत के ऊपर विश्वास है, क्योंकि भारत दूसरे देशों की संपत्तियों पर कब्जा नहीं बनाया, कभी किसी देश को गुलाम नहीं बनाया, भारत ने किसी देश को हानि नहीं पहुंचाया.