रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन सांध्यबेला में जनजातीय जीवन शैली की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की धूम रही. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्यों की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा. विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पांडुचेरी के सांस्कृति मंत्री चंद्रिका प्रियंगा, मंत्रिंमंडल के सदस्यों ने उनका उत्साहवर्धन किया.
पुदुचेरी के कलाकारों ने जनजाति संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर किया. पुदुचेरी के नर्तक दलों के कलाकारों ने अपने पारंपरिक वेशभूषा, वाद्ययंत्रों और मुख़ौटों के साथ नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी0 नृत्य के दौरान अपने गांव की रक्षा के लिए नृत्य कर पूजा भी किए. जनजाति संस्कृति की जीवंत झलक प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर किया.
छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य दल ने दी मनोरंजक प्रस्तुति
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने करमा नृत्य की प्रस्तुति दी. करमा नृत्य ने एक बार फिर साबित किया कि जनजातीय जीवनचर्या में सांस्कृतिक विरासत किस तरह घुली मिली है. अपने जीवन शैली की बानगी उनके नृत्य में देखने को मिली, जिसे जमकर सराहना मिली.
आदिवसियों के रंग बिरंगे परिधानों को देख दर्शक अभिभूत हो गए. राजा करम सेन के याद में करमा नाच के माध्यम से कलमी (करम डाल के पेड़) के पूजा करके आंगन में उस डाली को स्थापित करते हुए नृत्य किए. नृत्य के माध्यम से नृत्य दल भावभंगिमा, वेशभूषा, नृत्य की कला को प्रदर्शित करते हुए अत्यंत मनोरम, रमणीय प्रस्तुति दी.
गोवा के नृत्य दल ने कुनबी नृत्य कर प्रतियोगिता के अंतिम नृत्य प्रस्तुत किए
नृत्य महोत्सव के प्रतियोगिता में पारम्परिक त्योहार, अनुष्ठान, फसल कटाई एवं अन्य पारम्परिक विधाओं पर आधारित प्रतियोगिता की अंतिम प्रस्तुति गोवा के नृत्य दल ने कुनबी नृत्य कर किए. यह नृत्य दृढ़ कुनबी जनजाति के जनजातियों द्वारा गीत और नृत्य के माध्यम से सबसे पुरानी लोक परंपरा कुनबी को प्रस्तुत किए. इस नृत्य को कुनबी समुदाय द्वारा अपने व्यक्तिगत मनोरंजन के लिए गाते और नृत्य करते हैं.
उनके यह गीत पूर्व पुर्तगालीन काल की सामाजिक विषयवस्तु पर आधारित है, जो मांड या पूजा स्थल पर किया जाता है. पारंपरिक लाल रंग की सूती साड़ी जिस पर छोटी चौकोर आकृतियां होती है, कुनबी नृत्य का परिधान है. महिला नर्तक बालों में लाल रंग के फूल लगाती हैं. कुनबी नृत्य में महिलाएं हाथों को बांधकर घेरे में नृत्य करती है जिसे फांती प्रथा कहा जाता है. नृत्य के दौरान घूमत, महादेलम, और कासलेम आदि वाद्य यंत्रों का उपयोग किया.
अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुति में यूगांडा के कलाकार छाए
अब बारी थी अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य की. सांध्यबेला में यूगांडा के कलाकारों ने अपने संस्कृति पर आधारित लोकनृत्य का नृत्य एवं गीत के माध्यम से बेहद मनोरम तरीके से प्रस्तुत किया। संगीत और नृत्य का गजब का संयोजन ने दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया. इन कलाकारों को दर्शकों की खूब वाहवाही मिली। कलाकार वाद्य यंत्र पर खूब थिरके.
पड़ोसी देश श्रीलंका के कलाकारों ने दर्शकों की खूब लूटी वाहवाही
छत्तीसगढ़ एवं विभिन्न राज्यों के नृत्यों के बाद अब बारी आयी अंतरराष्ट्रीय आदिवासी नृत्य की. सांध्यबेला में पड़ोसी देश श्रीलंका के कलाकारों ने अपने संस्कृति पर आधारित नृत्य को बेहद मनोरम तरीके से प्रस्तुत किया. संगीत और नृत्य का गजब के संयोजन ने दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। इन कलाकारों को दर्शकों की खूब वाहवाही मिली.
अंतराष्ट्रीय प्रस्तुति के पश्चात एक बार फिर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति हुई, जिसमें हरियाणा के दल ने पूरे जोश और उत्साह के साथ नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी. नाइजीरिया के दल ने दूसरे दिन के अंतिम कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. नाइजीरिया के दल ने दूसरे दिन के अंतिम कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. नाईजीरिया के दल ने अपने संस्कृति, लोककला को संगीत और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर दर्शकगणों को अभिभूत कर दिया.
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