नासिर बेलिम, उज्जैन। हमेशा अपने कारगुजारियों ने जाना जाने वाला उज्जैन का विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) एक बार फिर से विवादों में है। मामला 10 साल पुराना है। यहां एक युवती को B.Com में फेल होने के बाद भी गलती से पास का प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। छात्रा ने इसके बाद एम कॉम में एडमिशन ले लिया। एमकॉम में एडमिशन लेने के बाद जब मार्कशीट छात्रा को मिली तो वह फेल थी। बावजूद इसके छात्रा ने प्रमाणपत्र के आधार पर एम कॉम फाइनल भी कर लिया। छात्रा को 10 साल बाद नौकरी लगी तो मार्कशीट मांगने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। 

मामला दस साल बाद सामने आने पर विश्वविद्यालय ने छात्रा का एम कॉम की मार्कशीट जमवा करवा ली। इसके बाद छात्रा के एमकॉम को शून्य घोषित कर बीकॉम फाइनल सत्र का फार्म भरवा कर ओपन बुक प्रक्रिया से परीक्षा दिलवाई। विश्वविद्यालय प्रबंधन  2011 में रहे कर्मचारी पर कार्रवाई करने में जुट गया है। हालांकि कर्मचारी रिटायर हो चुका है। खैर विश्वविद्यालय प्रबंधन की गलती का खामियाजा छात्रा को भुगतना पड़ रहा है।

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय (Ujjain Vikram University)  का 10 साल पुराना अनोखा कारनामा सामने आया है। बी कॉम में फेल होने के बाद भी छात्रा ने एम कॉम कर लिया। मामला दस साल बाद सामने आने करे बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रा से एम कॉम की मार्कशीट जमा करवाई। इसके बाद छात्रा ने बीकॉम की फिर से परीक्षा दी।

जानिए क्या है पूरा मामला 

उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में 2011 में पदस्थ कर्मचारी की गलती का खामियाजा बड़नगर निवासी छात्रा दीपिका को भुगतना पड़ रहा है। छात्रा ने साल 2011 में बी कॉम फाइनल किया था। उस दौरान छात्रा दो विषय मे पूरक थी, लेकिन विश्वविद्यालय के कर्मचारी की गलती से पास का प्रमाणपत्र जारी हो गया था। इस आधार पर छात्रा ने एमकॉम में एडमिशन लेकर एम कॉम फाइनल कर लिया।  एम कॉम में एडमिशन लेने के बाद जब मार्कशीट छात्रा को मिली तो वह फेल थी। विगत दस साल से उक्त प्रमाणपत्र ओर मार्कशीट में संसोधन के लिए छात्रा लगातार प्रयास कर रही थी. लेकिन 10 साल बाद जब उसे नोकरी में मार्कशीट की जरूरत लगी तो विश्वविद्यालय अपनी गलती को सुधारने में जुटा। विश्वविधालय ने अब छात्रा के एमकॉम को शून्य घोषित कर दिया है। छात्रा को पुनः बीकॉम फाइनल सत्र का फार्म भरवा कर ओपन बुक प्रक्रिया से परीक्षा दिलवाकर  पास किया। विक्रमविश्वविद्यालय अब 2011 में रहे कर्मचारी पर कार्यवाई करने जा रहा है हालांकि उक्त कर्मचारी रिटायर हो चुका है।