रमेश सिन्हा, पिथौरा। सत्ता के नशे में चूर जनप्रतिनिधि किस कदर मनमानी पर उतर जाते हैं, इसका उदाहरण महासमुन्द जिले के ग्राम पंचायत बरेकेलखुर्द में देखने को मिलता है. सरपंच ने मकान टैक्स नहीं अदा करने वालों का राशन कार्ड निरस्त करने की गांव में मुनादी करवा दी. ‘मरता क्या न करता’ जैसी स्थिति में फंसे ग्रामीण टैक्स देने को मजबूर हैं.

पिथौरा विकासखण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत बरेकेल खुर्द में सरपंच डोलमति साहू ने सचिव के साथ मिलकर टैक्स वसूली के लिए मनमाना तरीका अपनाया है. गांव में कोटवार के जरिए मकान टैक्स नहीं देने वालों का राशन कार्ड काट देने की मुनादी करवा दी. ग्राम पंचायत में बिना प्रस्ताव पास किये प्रत्येक कार्डधारी के एक वर्ष का कच्चे मकान का 150 रुपए और पक्के मकान का 250 रुपए इस तरह एक साथ दो वर्ष का मकान टेक्स वसूला जा रहा है.

लोग राशन कार्ड कट जाने के भय से कहीं से भी रकम की व्यवस्था कर एक साथ दो वर्ष का मकान टैक्स पटाने के लिए मजबूर हैं. इस  टैक्स के निर्धारण को लेकर सरपंच-सचिव से पूछे जाने पर वे गोलमोल जवाब देते हैं. गरीबों को राशन देने की योजना सरकार की प्राथमिकता सूची में पहले नम्बर पर हैं, लोगों को राशन देना किसी भी कीमत पर नहीं रोका जा सकता.

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दरअसल, ग्राम पंचायत को ग्रामीणों से मकान टेक्स वसूली करने का अधिकार है. लेकिन इसके लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर टैक्स का निर्धारण करने के बाद वसूली का प्रावधान है. राज्य के कई ग्राम पंचायतों ने ग्रामीणों की सुविधानुसार टैक्स निर्धारित कर लक्ष्य हासिल कर रहे हैं, और इस राशि से ग्रामीणो को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहे हैं.

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लेकिन ग्राम पंचायत बरेकेलखुर्द में अलग ही कहानी है. सरपंच-सचिव की मनमानी से परेशान उप सरपंच आसाराम साहू, पंच शशिकुमार के साथ ग्रामीण नन्दकुमार पटेल, रामप्रसाद पटेल, दीपक निषाद, रविकान्त विश्वकर्मा, रघुनन्दन निषाद, उमा शंकर पटेल ने महासमुन्द कलेक्टर से शिकायत की है.

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