नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज दिवाली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी के भीतर किसी भी तरह के पटाखों के भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हरे पटाखों को बेचने की अनुमति मांगने वाले 50 लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के बीच जय किशन फायरवर्क्स द्वारा दायर याचिका को वापस लेने के रूप में खारिज कर दिया.
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इसने व्यापारियों को राजधानी शहर के व्यापारियों द्वारा की गई प्रार्थनाओं में से एक बाहर से आने वाले लोगों को दिल्ली के भीतर पटाखे बेचने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. अधिवक्ता रोहिणी मूसा के माध्यम से दायर याचिका में व्यापारियों ने आरोप लगाया कि प्रदूषण नियंत्रण समिति और पेट्रोलियम विस्फोटक सुरक्षा संगठन पूर्ण पटाखों पर प्रतिबंध के माध्यम से एक “मनमाना” और “अनुचित” आदेश पारित कर रहे थे.
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उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया है. याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत किया कि आदेश भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) और 14 के तहत गारंटीकृत उनके मौलिक अधिकारों का पूर्ण उल्लंघन है. याचिका में प्रतिवादी डीपीसी द्वारा 28 सितंबर को पारित उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई, जिसके द्वारा एनसीटी दिल्ली राज्य में पटाखों के भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसमें प्रतिवादी संख्या 3 पेट्रोलियम विस्फोटक सुरक्षा द्वारा पारित आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी. उन्होंने प्रतिवादी संयुक्त पुलिस आयुक्त द्वारा पारित दिल्ली में (लाइसेंसिंग), दिनांक 21 अक्टूबर, याचिकाकर्ताओं को पटाखों के भंडारण और बिक्री से रोकने के आदेश को रद्द करने के लिए एक उपयुक्त रिट, आदेश या निर्देश देने की भी मांग की थी.
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