रायपुर। भू-राजस्व संहिता कानून संशोधन विधेयक भले ही सरकार ने वापस ले लिया है लेकिन इस पर तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है. नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर फिर इस मामले को गरमा दिया है. टीएस सिंहदेव ने एक के बाद एक, दो ट्वीट कर आरोप लगाया है कि सरकार केवल चुनाव तक ही संशोधन विधेयक को स्थगित किया है, चुनाव के बाद सरकार इसे लागू करेगी. इस ट्वीट के जवाब में राज्य सभा सांसद और भाजपा अनुसूचित जन-जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने प्रदेश सरकार को संवेदनशील बताते हुए कांग्रेस पर आदिवासियों के दमन का आरोप लगाया है.

सिंहदेव ने ट्वीट कर कहा “भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने काँग्रेस कि आशंका को पुष्ट कर दिया है. उनका कहना है कि भू-राजस्व संहिता का संशोधन अभी स्थगित है और भविष्य में इसपर विचार किया जाएगा. इससे ये स्पष्ट है कि इसे लागू करना सिर्फ़ चुनाव तक स्थगित किया गया है.”

इस ट्वीट के बाद सिंहदेव ने फिर ट्वीट कर कहा “इस कथन से भाजपा की मंशा साफ़ हो जाती है कि यदि भाजपा पुनः सरकार में आती है तो आदिवासी भाइयों की जमीन छिनने के लिए बनाया गया यह काला क़ानून लागू कर दिया जाएगा. काँग्रेस् पार्टी इस छल को उजागर कर भाजपा के मंसूबो पर पानी फेर देगी और इस काले क़ानून का हर स्तर पर विरोध करेगी.”

सिंहदेव के ट्वीट पर राम विचार ने नेताम ने कहा, “इतिहास गवाह है – कांग्रेस देश – प्रदेश में लगभग 60 वर्षो तक शासन करके आदिवासी हितों का दमन किया है, शोषण करने वालो की सदैव क्या मंशा रही है यह किसी से छिपा नहीं है.”

इस ट्वीट के बाद नेताम ने अपनी सरकार को संवेदनशील बताते हुए कहा, “भाजपा की राज्य सरकार ने भू – राजस्व संहिता के संशोधन पर पूर्ण विराम लगा कर पुनः आदिवासियों के प्रति अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया है”