चंडीगढ़। अगले साल पंजाब विधानसभा चुनाव होने हैं. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के गुट ने विधानसभा चुनाव के लिए फतेगढ़ साहिब से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. प्रत्याशी की घोषणा से पंजाब में किसान राजनीति भी गरमा गई है. पहले ही मिशन पंजाब 2022 की घोषणा कर चुके संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को फतेहगढ़ साहिब से अपने पहले उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी. इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य नेता नाराज हैं.
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संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चढ़ूनी के इस घोषणा की आलोचना की है. डल्लेवाल ने कहा कि यह मोर्चे को नुकसान पहुंचाने कोशिश है. उन्होंने कहा कि जो इंसान अपने ही मोर्चे की बात को मानने को तैयार न हो, तो उस पर क्या कार्रवाई की जा सकती है. गौरतलब है कि चढूनी को पहले भी निलंबित किया जा चुका है. उन्होंने साफ किया कि चढूनी ने जिसे भी उम्मीदवार बनाया है, उसके साथ संयुक्त किसान मोर्चा का कोई लेना-देना नहीं है.
सर्बजीत सिंह मक्खन को बनाया प्रत्याशी
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने फतेहगढ़ साहिब से पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के नजदीकी रहे और कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता सर्बजीत सिंह मक्खन को अपने ग्रुप का उम्मीदवार बनाया है. मक्खन का कहना है कि वह बहुत पहले कांग्रेस छोड़ चुके हैं. सर्बजीत सिंह मक्खन के गांव तरखानमाजरा पहुंचे चढूनी ने कहा कि अब तक कांग्रेस और अकाली नेताओं ने पंजाब को खूब लूटा है. अब किसानों और मजदूरों को ही आगे आना पड़ेगा.
कौन हैं सर्बजीत सिंह मक्खन ?
सर्बजीत सिंह मक्खन पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के खास लोगों में शामिल रहे हैं. मनप्रीत ने जब 2011 में पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब यानी पीपीपी का गठन किया था, तो उस समय मक्खन अकाली दल से मार्केट कमेटी सरहिंद के चेयरमैन थे और यह पद छोड़कर मनप्रीत की पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन मनप्रीत ने उन्हें टिकट नहीं दिया. बाद में जब मनप्रीत बादल ने कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय किया, तो मक्खन भी कांग्रेस में आ गए. पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हलका विधायक कुलजीत सिंह नागरा के साथ उनकी ज्यादा नहीं बनी. उन्हें अब चढूनी ग्रुप ने अपना उम्मीदवार बनाया है. मक्खन ने कहा कि किसान संघर्ष शुरू होते ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी.
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