एक युवक ने धूमधाम से शादी की. इसके बाद छह महीने तक पति-पत्नी साथ रहे जरूर, लेकिन कभी एक-दूसरे के करीब नहीं आए. ये रिश्ता महज दो साल तक ही चल पाया और फिर पत्नी ने तलाक ले लिया. इसके बाद युवक ने युवती बनने के लिए जेंडर चेंज करवाया. अब रोचक बात यह है कि लिंग परिवर्तन करवाने के बाद दूल्हे के साथ सात फेरे लेने के लिए तैयार है. नए साल में नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे.

 

ब्याह रचाकर घर में दुल्हन लाने वाला रेलवे इंजीनियर राजेश पांडेय अब सोनिया बनकर दूल्हे संग सात फेरे लेने की तैयारी में है. उसने सोनिया बनने के लिए करीब चार साल पहले लंबी सर्जरी कराई. जेंडर बदलने के बाद नई पहचान पाने के लिए रेलवे में भी लंबी जद्दोजहद करनी पड़ी. नए साल में नए जीवन को लेकर उत्साहित सोनिया ने बताया कि अब वह राजेश नाम और उससे जुड़ी हर पहचान से निजात पा चुकी है. सोनिया (पूर्व में राजेश पांडेय) इज्जनगर मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड वन पद पर तैनात है. पिता की मौत के बाद अनुकंपा के तहत 19 मार्च 2003 को राजेश रेलवे में भर्ती हुआ. परिवार में चार बहनें और मां हैं. वर्ष 2017 में राजेश लिंग परिवर्तन कराकर महिला बन गया और उसने अपना नाम सोनिया रख लिया. पुरुष कर्मचारी के महिला बनने का रेलवे के इतिहास में भी यह पहला मामला है.

 

बहुत जद्दोजहद के बाद मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज

इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पाण्डेय (वर्तमान में सोनिया) का एक अनोखा मामला सामने आया था. लिंग परिवर्तन कराने के बाद उसने अफसरों से गुहार लगाई थी उसे रेलवे के रिकार्ड में महिला दर्ज किया जाए. अनोखा और दुर्लभ मामला होने के कारण इज्जतनगर मंडल ने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा. महाप्रबंधक ने यह मामला रेलवे बोर्ड को भेजा. आखिरकार रेलवे बोर्ड के निर्देश पर राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया गया.

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नौ साल पहले हुई थी शादी

सोनिया ने बताया कि पिता की मृत्य के बाद के मृतक आश्रित कोटे के तहत उसे 2003 में बरेली के वर्कशॉप में नौकरी मिली थी. उसे हमेशा से महिलाओं जैसे अहसास होते थे. लगता था कि वह एक स्त्री है. उसे महिलाओं की तरह श्रृंगार करना अच्छा लगा था. घर वालों ने राजेश की 2012 में बड़ी धूमधाम से शादी की थी. छह महीने तक पति-पत्नी साथ रहे जरूर, लेकिन कभी एक-दूसरे के करीब नहीं आए. सोनिया बताती हैं कि ये रिश्ता महज दो साल तक ही चल पाया और फिर पत्नी ने तलाक ले लिया. सोनिया बताती हैं कि तलाक लेने के बाद दिल्ली के एक निजी अस्पताल में सर्जरी कराकर जेंडर बदल लिया था. उसके बाद से महिला के रूप में मान्यता पाने के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी थी. अब उन्हें महिला की मान्यता मिल गई है. सोनिया अब नए साल से अपने मनपसंद लड़के के साथ सात फेरे लेकर जिंदगी की नई शुरुआत करेगी.

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