रायपुर। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में शनिवार सुबह से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों के लिए परेशानी पैदा कर दी है. बस्तर से लेकर सरगुजा तक हो रही बारिश की वजह से धान की कटाई नहीं कर पाए किसानों की खड़ी फसल के साथ-साथ कटाई के बाद खेत में पड़े धान और खलिहान में रखे धान को भी नुकसान पहुंचने के आसार हैं.
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, एक अवदाब पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है. इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. इसके प्रभाव से बीते 11 नवंबर गुरुवार से बस्तर के एक-दो जगहों पर हल्की बारिश और गरज चमक के साथ बूंदाबांदी हो रही है. प्रदेश में न्यूनतम तापमान में वृद्धि संभावित है.
वहीं समूचे बस्तर संभाग के साथ ही दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले 5 से 6 दिनों तक घने बादल छाए रहने के साथ बारिश होने की पूरी संभावनाएं बनी हुई है. बस्तर में शुक्रवार से ही घने बादल छाए हुए हैं, और हल्की बारिश भी शुरू हो गई है. बारिश से सबसे ज्यादा चिंता किसानों को सता रही है.
दरअसल, नवंबर माह में नये फसल की कटाई की जाती है, लेकिन कुछ जगहों को छोड़कर बस्तर जिले और संभाग में अब तक फसल कटाई शुरू नहीं की गई है. ऐसे में अगर बारिश होती है तो फसल में कीड़े पड़ने की पूरी आशंका है. इससे बचाव के लिए भी कोई उपाय और साधन नहीं है. बता दें कि पहले ही अल्प वर्षा का शिकार हुए बस्तर के किसान बेमौसम बारिश से काफी परेशान है.
सरगुजा में हो रही झमाझम बारिश
सरगुजा में भी आधी रात से झमाझम बारिश हो रही है. लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इससे बेचने के लिए खेतों में धान की फसल को काटकर रखे हुए हैं.