भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करने के बाद लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी, कमलापति का इससे नाम जुड़ने से इसका महत्व भी और बढ़ गया है. गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है. आज का दिन मध्यप्रदेश के लिए और पूरे देश के लिए गौरवशाली इतिहास के संगम का दिन है.
पीएम ने कहा देश का पहला ISO सर्टीफाइड और देश का पहला पीपीपी मॉडल का स्टेशन तैयार किया गया है. एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं यहां मिलेगी. यहां भारतीय रेलवे का पहला सेंट्रल कॉन्कॉर्स बनाया गया. पीएम ने कहा कि पहले लोग इंडियन रेलवे को कोसते थे. सामान चेन से बांध कर रखते थे. गंदगी रहती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका एक उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रही है.
उन्होंने कहा कि 6-7 साल पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेल से पड़ता था, तो वो भारतीय रेल को ही कोसते हुए ज्यादा नजर आता था. स्टेशन पर भीड़-भाड़ और गंदगी होती थी. ट्रेन के इंतज़ार में घंटों की टेंशन होती थी. स्टेशन पर बैठने-खाने-पीने की असुविधा, ट्रेन के भीतर गंदगी, सुरक्षा की चिंता, दुर्घटना का डर सताते रहता था. ये सबकुछ एक साथ दिमाग में चलता रहता था. लोगों ने स्थितियों के बदलने की उम्मीदें तक छोड़ दी थीं. लेकिन जब देश इमानदारी से संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटता है, तो सुधार आता है, परिवर्तन होता है, ये हम बीते सालों से निरंतर देख रहे हैं.
आज का भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड इन्वेस्टमेंट तो कर ही रहा है, ये भी सुनिश्चित कर रहा है कि प्रोजेक्ट्स में देरी ना हो, किसी तरह की बाधा ना आए. हाल में शुरू हुआ, पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान. इसी संकल्प की सिद्धि में देश की मदद करेगा.
बता दें कि रानी कमलापति स्टेशन को पूरी तरह से नए सिरे से विकसित किया गया है. स्टेशन में एक एयर कॉन्कोर्स है, जिसमें हवाई अड्डे की तरह दुकानें और एक कैफेटेरिया है. स्टेशन पर एयर कॉनकोर्स में 900 यात्री बैठ सकते हैं. वहीं 2000 हजार यात्री एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों का इंतजार कर सकते हैं.
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है. देश का पहला ऐसा स्टेशन है, जिसमें यहां से आने-जाने वाले यात्रियों को अलग-अलग रूट मिलेंगे. जबकि बाहर जाने वाले यात्री मेट्रो के जरिए रेलवे स्टेशन से बाहर निकलेंगे. देश में पहली बार 36 फीट चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया गया है, जिससे लोग आसानी से गुजर सकेंगे. एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी. यात्री बिना किसी धक्का और बिना हड़बड़ी के अपनी बर्थ पर पहुंच सकेंगे.
रानी कमलापति स्टेशन पर एयर कॉनकोर्स में 900 यात्री बैठ सकते हैं. वहीं 2000 हजार यात्री एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों का इंतजार कर सकते हैं. इसके अलावा दो सब-वे बनाए गए हैं. इस अंडरग्राउंड मेट्रो से एक साथ 1500 यात्री गुजर सकेंगे. इस स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सभी लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. यह एक विश्व स्तरीय स्टेशन है, जो अन्य भारतीय रेलवे स्टेशनों की भीड़ से अलग और पूरी तरह से अनोखा है.
यह एयर कॉनकोर्स 84 मीटर लंबा और 36 मीटर चौड़ा है. जिसमें यात्री भीड़ से बचते हुए अंदर जा सकेंगे. रानी कमलापति स्टेशन के इस एयर कॉन्सर्स में 900 यात्री बैठ सकते हैं. इसके अलावा यात्री वेटिंग लाउंज में बैठकर मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों और मप्र के इतिहास के बारे में भी पढ़ सकेंगे.
पूरे स्टेशन परिसर में 170 हाई रेजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो करीब 4 लाख वर्ग फुट के क्षेत्र पर नजर रखेंगे. इन कैमरों से रेलवे स्टेशन के हर कोने पर नजर रखी जा सकेगी. इन कैमरों की लाइव फीड 24 घंटे सीसीटीवी सर्विलांस रूम में रिकॉर्ड की जाएगी. सर्विलांस रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग भी 1 महीने तक सुरक्षित रहेगी.
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