कुमार इंदर,जबलपुर। दिवाली में हुई जमकर आतिशबाजी के मामले में दोषियों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है. दरअसल दिवाली के दिन सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की मनाही के बाद भी जमकर पटाखे फोड़े गए थे. जिसके चलते मध्य प्रदेश के तमाम शहरों के साथ महानगरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान के पर पहुंच गया था.
इसी बात को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने एनजीटी में एक याचिका दायर की है. जिसमें यह कहा गया है कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रदेश के तमाम जिलों में पटाखे फोड़ने पर कहीं रोक नहीं लगाई गई. जिसके चलते वायु इंडेक्स खतरे के निशान तक पहुंच गया था. लिहाजा ऐसे दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाए.
27 अक्टूबर को जारी हुआ था आदेश.
बता दें कि इस मामले में एनजीटी ने 27 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर प्रदेश के तमाम कलेक्टर को सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि दिवाली के दिन खतरनाक पटाखे ना पोड़कर ग्रीन पटाखे फोड़ना सुनिश्चित करें. लेकिन आदेश के बाद भी कहीं पर ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल नहीं हुआ, बल्कि जमकर केमिकल पटाखे फोड़े गए. जिसके चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान के पार पहुंच गया था.
ऐसा था दिवाली के दूसरे दिन वायु इंडेक्स
दिवाली के दिन फोड़े गए पटाखों के बाद दिवाली के दूसरे दिन प्रदेश के चार महानगरों का वायु वाइंडेक्स खतरे के निशान के पर चला गया था. जिसमें भोपाल 244, इंदौर 211, जबलपुर 247 और सबसे ज्यादा ग्वालियर में 278 पर पहुंचा हुआ था.
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