रायपुर. छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य के मध्य मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन मीटिंग संपन्न हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा, उड़ीसा के डीजीपी अभय समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान डीजीपी ने कहा कि नक्सली समस्या और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए आपसी समंवय बहुत जरुरी है. इससे ही समाधान संभव है.

बैठक में दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों जिनमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़, महासमुंद, जशपुर, बिलासपुर, सरगुजा, बस्तर, सुकमा, धमतरी, गरियाबंद व उड़ीसा के कोरापुट, नवरंगपुर, मलकानगिरी, कटक, नुआपाड़ा, भुवनेश्वर और राउरकेला के एसपी उपस्थित रहे. बैठक के प्रारंभ में उड़ीसा के डीजीपी अभय ने कहा कि मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने पदभार संभालने वाले दिन ही मुझसे कहा कि दोनों राज्यों की इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन मीटिंग होनी चाहिए, क्योंकि दोनों राज्यों के मध्य नक्सली समस्या और मादक पदार्थों की तस्करी एक गंभीर मुद्दा है. जिसका हल दोनों राज्यों के समन्वय से ही संभव है.

बस्तर रेंज में नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई

डीजीपी अशोक जुनेजा ने संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर रेंज में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है. विगत वर्षों में छत्तीसगढ़-उड़ीसा सीमा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने कई नक्सलियों को मार गिराया है. इसके साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण में बहुत प्रगति हुई है. जुनेजा ने कहा कि दोनों राज्यों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित कर नक्सल समस्या शीघ्र खत्म की जा सकती है. उन्होंने कहा दोनों राज्यों की सीमा में बहुत से रिमोट इलाके हैं, जहां पर संचार सुविधा हेतु शीघ्र ही मोबाईल टॉवर लग जाएंगे. उन्होंने दोनों राज्यों के मध्य इंटेलीजेंस शेयरिंग, ज्वाईंट ऑपरेशन और ज्वाईंट इंटेरोगेशन पर जोर दिया.

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में दोनों राज्यों के मध्य मादक पदार्थों की अवैध तस्करी पर भी चर्चा की गई. छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उड़ीसा की ओर से होने वाली गांजा तस्करी पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि गांजा तस्करी का रूट और खपत दोनों ही गंभीर समस्या है. इसके समाधान के लिए छत्तीसगढ़ सभी सीमावर्ती जिलों में सीसीटीवी युक्त चेकपोस्ट लगा रहे हैं. बैठक में एडीजी विवेकानंद सिन्हा, आईजी रायपुर इंटेलीजेंस डॉ. आनंद छावड़ा, आईजी सीआईडी एससी द्विवेदी, एआईजी यूबीएस चौहान उपस्थित रहे.