रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के साथ ही नेताओं के बयान आने लगे हैं. एक तरफ जहां सत्ताधारी दल के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कसीदे गढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल के नेता इसे किसानों की जीत बता रही है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के कदम पर ट्वीट करते हुए कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया. अन्याय के खिलाफ ये जीत मुबारक हो. इस ट्वीट के साथ उन्होंने अपने 14 जनवरी को किए ट्वीट को अटैच किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान विरोधी इन कानूनों को सरकार को वापस लेना ही होगा.


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्ववीट कर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए देश के किसानों को बधाई दी है, उन्होंने कहा कि यह किसानों की ही नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की जीत है. गांधीवादी आंदोलन ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट करते हुए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को किसानों की जीत करार देते हुए उन तमाम किसानों को बधाई दी है, जिन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष किया, इसके साथ ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने पर सीधी टिप्पणी न करते हुए ट्वीट के जरिए कृषि के क्षेत्र में सरकार के कामों के गिनाने का काम किया. उन्होंने लिखा कि देशय़ के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत इन सभी पर चौतरफा काम किया.