नई दिल्ली। शांति और सद्भाव समिति ने राघव चड्ढा की अध्यक्षता में फेसबुक इंडिया के अधिकारियों से पूछताछ की. फेसबुक इंडिया के अधिकारी शिवनाथ ठुकराल से झूठे, भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण संदेशों के प्रसार को रोकने में सोशल मीडिया की भूमिका की जांच करने के महत्वपूर्ण मुद्दों पर पूछताछ की गई. अध्यक्ष राघव चड्ढा ने फेसबुक इंडिया की सामान्य विशेषताओं, इसके संचालन, टीम गठन और इससे जुड़ी बारीकियों के बारे में पूछताछ की, ताकि फेसबुक के कामकाज, इसके अधिकारियों और टीमों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को समझा जा सके. कार्यवाही के दौरान फेसबुक की एसोसिएट जनरल काउंसिल सांझ पुरोहित भी मौजूद थीं.

फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधि आज समिति के समक्ष हुए पेश

समिति ने विशेष रूप से फेसबुक इंडिया के अधिकारियों की भूमिका और संगठनात्मक ढांचे के बारे में पूछताछ की. अध्यक्ष राघव चड्ढा का मानना था कि फेसबुक जैसा बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारत जैसे विविध और बहु-सांस्कृतिक समाज में अराजक स्थिति को फैलाने में भूमिका निभा सकता है, इसलिए समिति द्वारा उपयुक्त उपायों की सिफारिश करने से पहले यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि संभावित हिंसक मुद्दों को रोकने के लिए फेसबुक की विभिन्न टीमें कैसे और किन परिस्थितियों में काम करती हैं. फेसबुक इंडिया में इक्विटी शेयर होल्डिंग के बारे में भी पूछताछ की गई.

भारत में फेसबुक के कुल उपयोगकर्ताओं की संख्या का 40 फीसदी हिस्सा है

कार्यवाही के दौरान पूछताछ करने पर अधिकारियों ने बताया कि दुनियाभर में फेसबुक के 1 बिलियन यूजर्स हैं. दुनियाभर में 1 अरब उपयोगकर्ताओं में से कम से कम 400 मिलियन उपयोगकर्ता भारत से हैं. इस तरह दुनिया भर में उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या का 40 फीसदी हिस्सा है.

फेसबुक इंडिया में फेसबुक की ग्लोबल टीम का हस्तक्षेप

समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने फेसबुक इंक के वैश्विक मुख्यालय (जिसे अब मेटा इंक के रूप में जाना जाता है) के हस्तक्षेप को लेकर स्पष्ट प्रश्न पूछे. भारत में विशाल उपयोगकर्ताओं के आधार को देखते हुए वैश्विक मुख्यालय का हस्तक्षेप करना और कमियों और सुधारों के लिए जिम्मेदार होना अनिवार्य है.

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फेसबुक इंडिया के सार्वजनिक नीति निदेशक ने जोर देकर कहा कि समीक्षक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आपत्तिजनक सामग्री को फेसबुक से हटा दिया जाता है, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि यह प्रक्रिया हमेशा सही नहीं होती है. अभी भी सुधार की गुंजाइश है.

फेसबुक इंडिया अपने प्लेटफॉर्म पर फर्जी और झूठी सूचनाओं की पहचान करने के लिए आउटसोर्स करती है

शिवनाथ ठुकराल ने कहा कि फेसबुक इंडिया स्वतंत्र फैक्ट चेकिंग एजेंसियों के साथ करार करती है, जो उनके लिए गलत सूचनाओं को फिल्टर करती है. इस दौरान समिति के अध्यक्ष ने शिवनाथ ठुकराल से पूछा कि फेसबुक कितनी भाषाओं में संचालित होता है और क्या उन संबंधित भाषाओं के लिए फेसबुक इंडिया के पास कुशल तथ्य जांचकर्ता हैं, तब बताया गया कि फेसबुक इंडिया 20 भाषाओं में संचालित होता है, लेकिन 20 भाषाओं में से केवल 11 भाषाओं के लिए ही तथ्य जांच करने की अच्छी प्रक्रिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने समिति की शक्तियों को बरकरार रखा है, जिनका उपयोग बेहतर शासन के सिद्धांत के तहत किया जा सकता है. सर्वोच्च न्यायालय ने अजीत मोहन और अन्य बनाम दिल्ली विधानसभा मामले में देखा है कि देश की राजधानी इस तरह की हिंसा के किसी भी मामले को बर्दाश्त नहीं कर सकती है. समिति की चिंताओं और इस प्रकार के विभिन्न मुद्दों की जांच कर शांति बहाली के प्रयासों को गलत नहीं माना था. समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने‌ कई बार कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा की समिति का यह कर्तव्य है कि वह शांति और सद्भाव सुनिश्चित करे, जिसके अनुसरण में समिति आज की कार्यवाही कर रही है.

समिति वर्तमान मुद्दे पर आगे विचार करेगी

अध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि समिति आज की कार्यवाही के बाद उसके सामने प्रस्तुत सूचनाओं पर विचार करेगी. इसके अलावा मांगी गई सूचना की प्रतीक्षा करेगी. इसके बाद समिति विचार कर आगे की कार्यवाही के लिए फेसबुक अधिकारियों को फिर से बुलाने पर निर्णय करेगी.

समिति ने फेसबुक इंडिया के विचार को रिकॉर्ड पर लिया

समिति ने फेसबुक इंडिया की तरफ से शिवनाथ ठुकराल के विचारों को शासन, सामाजिक एकता, भाईचारे और शांति के मुद्दों से संबंधित उपाय तैयार करने और सिफारिश करने के लिए रिकॉर्ड पर लिया है.

दिल्ली में फरवरी 2020 में हुई सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा की जांच

दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने सांप्रदायिक वैमनस्य और घृणा के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है. विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता में शांति-सद्भाव को नुकसान पहुंचा ‌सकने वाली किसी भी संभावित घटना को रोकने की दिशा में काम कर रही है. समिति फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए सांप्रदायिक वैमनस्य और हिंसा की जांच कर रही है, ताकि हालात को सुधारने और धार्मिक समुदायों, भाषायी समुदायों या सामाजिक समूहों के बीच सद्भाव बहाल करने के लिए सही उपायों की सिफारिश की जा सके.

मामले में विभिन्न महत्वपूर्ण पक्षों को पहले सुना‌ गया

इस मामले में ‌समिति ने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से पहले 7 अत्यंत महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की है, इनमें प्रख्यात पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता, डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता निखिल पाहवा, वरिष्ठ पत्रकार अवेश तिवारी, प्रख्यात स्वतंत्र और खोजी पत्रकार कुणाल पुरोहित, न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा और फेसबुक इंक के पूर्व कर्मचारी मार्क एस लक्की शामिल हैं. यह सभी समिति के सामने उपस्थित हुए और साक्ष्य एवं सुझाव पेश किए.

समिति की राय है कि गलत न्यूज, अभद्र भाषा पर अंकुश लगाने में सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण

समिति की राय है कि झूठे, भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण संदेशों के प्रसार को रोकने में सोशल मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसी सूचनाएं हिंसा को बढ़ावा दे सकती हैं. दिल्ली में फेसबुक के लाखों उपयोगकर्ता हैं, तो समिति ने 2 नवंबर 2021 को हुई बैठक में फेसबुक के प्रतिनिधियों के पक्ष को सुनने का निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट के ‘अजीत मोहन एंड अन्य बनाम‌ दिल्ली विधानसभा’ मामले में  8 जुलाई 2021 को दिए गए निर्देश के बाद फेसबुक को समन जारी किया, जिसमें न्यायालय ने समिति की फेसबुक के प्रतिनिधियों सहित सदस्यों और गैर-सदस्यों को बुलाने की शक्तियों को बरकरार रखा था.