नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद केंद्र सरकार द्वारा तीनों काले कृषि कानून वापस लेने की घोषणा को जनतंत्र की जीत करार दिया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के संघर्ष के आगे झुकना पड़ा और तीनों काले कानून वापस लेने पड़े. किसानों ने बता दिया कि जनतंत्र में सरकारों को हमेशा जनता की बात सुननी पड़ेगी. भारत के इतिहास में आज एक सुनहरा दिन है और आज का दिन भारतीय इतिहास में 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह लिखा जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आतंकवादी, खालिस्तानी और राष्ट्र विरोधी कह कर किसानों के हौसले तोड़ने की कोशिशें की गईं, लेकिन आजादी के दिवानों की तरह किसानों ने लड़ाई लड़ी और जीते. अगर यह कानून पहले वापस ले लिए जाते तो, आंदोलन में शहीद हुए 700 से ज्यादा किसानों की जानें बचाई जा सकती थीं. शहीद हुए सभी किसानों को मेरा नमन और उनके परिवारों को कोटि- कोटि प्रणाम है. आज का दिन हमारे देश के बच्चों और नौजवानों के लिए एक सीख है कि अगर सही नीयत से शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करो, तो मंजिल कितनी भी कठिन और दूर क्यों न हो, सफलता मिलती है.

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इस संघर्ष ने पूरे देश को एक कर दिया और सबने मिलकर आज इतिहास रच दिया- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन काले कृषि कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए जाने की घोषणा के बाद आज एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में आज एक सुनहरा दिन है. आज का दिन भारतीय इतिहास में 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह लिखा जाएगा. आज केंद्र सरकार को किसानों के संघर्ष के आगे झुकना पड़ा और तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पड़े. आज सिर्फ किसानों की जीत नहीं हुई है, बल्कि आज जनतंत्र की भी जीत हुई है. किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया कि जनतंत्र में सरकारों को हमेशा जनता की बात सुननी पड़ेगी. सिर्फ और सिर्फ जनता की मर्जी चलेगी. कोई भी पार्टी या नेता हो, जनता के सामने आपका अहंकार नहीं चलेगा. यह एक ऐसा संघर्ष था, जिसने पूरे देश को एक कर दिया. इस लड़ाई में किसानों के साथ-साथ मजदूरों, महिलाओं, आड़तियों और दुकानदारों समेत सबने हिस्सा लिया. पंजाब हो या उत्तर प्रदेश, बंगाल हो या केरल, पूरा देश किसानों के साथ खड़ा था. देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतवासी एक हो गए और सबने मिलकर आज इतिहास रचा.

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सरकार किसानों का आत्मविश्वास और जज्बा नहीं तोड़ पाई- केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि पूरी दुनिया के इतिहास में शायद ही इससे बड़ा या इससे लम्बा कोई आंदोलन हुआ होगा. इतने शांतिपूर्वक तरीके से लाखों लोगों ने संघर्ष किया. कड़ी धूप में, बरसात में, ठंड में वे पीछे नहीं हटे. इस आंदोलन को तोड़ने के लिए सरकार और पूरे सिस्टम ने न जाने क्या-क्या कोशिशें कीं, किसानों को आतंकवादी कहा, खालिस्तानी कहा, एंटी नेशनल कहा. सब तरीके से किसानों को घेर कर उनके हौसले को तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन यह किसानों के लिए भी आजादी की लड़ाई थी और आज आजादी के दीवानों की तरह किसानों ने कमर कसकर यह लड़ाई लड़ी और जीते. किसानों के प्रबल साहस के सामने वॉटर कैनन का पानी सूख गया. सरकार की लाठियां टूट गईं, कीलें गल गईं, लेकिन सरकार किसानों का आत्मविश्वास और जज्बा नहीं तोड़ पाई.
सैकड़ों किसानों की शहादत को प्रणाम है- केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज एक बात का बहुत दुख है कि इस आंदोलन में 700 से ज्यादा हमारे किसानों ने जान गंवा दी, इसकी जरूरत नहीं थी. अगर यह कानून पहले वापस ले लिए जाते, तो उनकी जानें बचाई जा सकती थी. हमारे किसान भाईयों और बहनों को इतने महीने सड़क पर बैठ कर ठंड में, बरसात में, धूप में, तकलीफ उठाने की जरूरत नहीं होती. आज 700 से ज्यादा किसानों की जान चली गई, 700 से ज्यादा परिवार उजड़ गए, आखिर किस लिए? इन शहीदों को मेरा नमन है. इनके परिवार को भी मेरा कोटि-कोटि प्रणाम है. मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए वाहे गुरूजी से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिवार के सभी कष्ट दूर करें.