मदकुद्वीप (मुंगेली)। हमें सगंठित होकर चलना होगा. हमें किसी को बदलने की आवश्यकता नहीं, और हम किसी को बदलने नहीं देंगे. हम सबको जोड़कर चलेंगे. यह बात मुंगेली जिले के मदकुद्वीप में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोष कार्यक्रम में सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कही.

डॉ. मोहन भागवत ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज दुनिया भर में गए, अनेक देशों को हमारे पूर्वजों ने सत्य दिया. हमारे सत्य में भगवान राम विराजते हैं. सत्य में राम हैं, राम ही सत्य है. हम सत्य को जानने वाले लोग हैं. हमें अपने आपको पहचाना होगा. भारत अनेकता में एकता सिखाता है. भारत हर किसी को अपनाता है.

मंच से धर्मांतरण और पर्यावरण की बात कहते हुए हुए डॉ. भागवत ने कहा कि हम किसी का मतांतरण नहीं कराते. धर्मान्तरण नहीं कराते. हम उस सनातन परंपरा से जिसे अब हिंदू धर्म माना जाता है. दुनिया उसी को पिटती है, जो दुर्बल है. आपको सबल बनना पड़ेगा. अपने आपको बचाकर रखना होगा, शक्ति सम्पन्न होना होगा. यह इलाका हरियर क्षेत्र है. आपको हरियर क्षेत्र को बचाकर रखना होगा.

धर्म परिवर्तन कराने वालों को भागवत ने इशारों में दिया कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जैसे बाजा एक सुर में बजता, ताल से ताल मिलता है, वैसे ही हमें रहना है. कोई सुर को खराब करे तो संविधान में उसके लिए भी कानून है. कानून के दायरे हम उसे भी ठीक कर सकते हैं. किसी को बदलने की चेस्टा न करो, अपने रास्ते चलो. उन्होंने कहा कि मदकुद्वीप का यही संदेश है, गुरु नानक का यही संदेश, पूर्णिमा का यही संदेश, इस कार्यक्रम का यही संदेश और इस पुण्यभूमि का भी यही संदेश है.