नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 में दिल्ली के लिए मूल्य सूचकांक की वार्षिक रिपोर्ट जारी की. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में महंगाई पर लगाम लगाकर रखा. कोरोना के दौरान देश के 5 मेट्रो शहरों की तुलना में दिल्ली में महंगाई दर में सबसे धीमी वृद्धि रही. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान दिल्ली में महंगाई दर में वृद्धि 3.0 % रही, जबकि कोलकाता में 4.6 %, चेन्नई में 4.4 %, मुंबई में 4.1 % और बेंगलुरू में 4.0 % वृद्धि दर्ज की गई. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) पर आधारित औसत वार्षिक महंगाई में वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर 5% रही, जबकि दिल्ली में ये दर मात्र 3.0% रही.
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार आम आदमी के लिए तत्पर है और हमेशा उनके साथ खड़ी है. कोरोना के दौरान जब पूरे देश में महंगाई दर तेजी से बढ़ी, उस दौर में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में महंगाई नहीं बढ़ने दिया. वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में कोरोना के दौरान महंगाई दर में तेजी से वृद्धि हुई और सामान्य उपयोग की वस्तुओं की कीमतें बढ़ीं, लेकिन इस दौर में दिल्ली में महंगाई में वृद्धि दर पूरे देश की तुलना में काफी कम रही. उन्होंने कहा कि दिल्ली में महंगाई दर में वृद्धि राष्ट्रीय वृद्धि दर से भी 2 फीसदी कम रही. देश में वित्त वर्ष 2020-21 में महंगाई दर में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
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वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने महंगाई कम करने के लिए समय-समय पर कई कदम उठाए. इसके कारण इस अवधि के दौरान दिल्ली में वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनी रही और ज्यादा वृद्धि नहीं हुई. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगातार नजर बनाए रखे हुए है. दिल्ली सरकार बाजार हस्तक्षेप के माध्यम से वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने और स्थिर रखने के लिए समय-समय पर प्रयास करती है.
दिल्ली में खाद्य पदार्थों की कीमतें देश में सबसे कम
वर्ष 2020-21 में पूरे भारत खाद्यान्न की कीमतों में महंगाई वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही, पर दिल्ली में ये दर मात्र 4.1 प्रतिशत रही, जो पूरे भारत में सबसे कम थी.
रहने के लिए अन्य शहरों की तुलना में दिल्ली सस्ती
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के हाउसिंग इंडेक्स में वित्त वर्ष 2020-21 में पूरे भारत में 5.2% की वृद्धि देखने को मिली, लेकिन दिल्ली में ये दर केवल 3.9% रही. इस लिहाज से अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में दिल्ली में रहना काफी सस्ता है.
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