हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर पुलिस (Indore Police) ने सोमवार को दुर्लभ प्रजाति के ‘रेड सैंड बोआ’ सांप (red sand boa snake) की तस्करी करते तस्कर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। तस्करों के पास से दो रेड सैंड बोआ सांप जब्त किया गया है। तस्कर सांप को इंदौर में डील करने वाले थे। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी कर 4 तस्करों को धर-दबोचा। फिलहाल सांप पुलिस की देखरेख में है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस एक सांप की कीमत लाखों रुपए में है। इसका इस्तेमाल सेक्स पावर और कैंसर दवाई बनाने में होता है। पकड़े गए आरोपियों में दो आरोपी शातिर बदमाश हैं।
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आरोपियों के पास से जब्त किए गए सांप में से 1 सांप की लंबाई 35 इंच, चौड़ाई 4 इंच वजन 720 ग्राम है। वहीं दूसरे सांप की लंबाई 40 इंच, चौड़ाई 5 इंच और वजन 1200 ग्राम है।
इंदौर की गौतमपुरा पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपए कीमत के दो मुंहे सांप की तस्करी करने वाले चार आरोपियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस को वन्य जीवों व प्राणियों की तस्करी करने की सूचना मुखबिर से मिली थी। इसके बाद पुलिस संदिग्धों पर कड़ी नजर रख रही थी। मुखबिर से सूचना मिली कि थाना क्षेत्र में वन्य प्राणियों की तस्करी करने वाले तस्कर दो मुंहे सांप की तस्करी के लिए घूम रहे हैं।
सूचना पर पुलिस ने ग्राम मेडकवास के आगे इनोवेटिव स्कूल के पास से 2 सांप के साथ चार आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों की तलाशी लेने पर उनके पास से दुर्लभ 2 ‘रेड सैंड बोआ’ सांप मिला। पुलिस ने सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर दो बाइक, दो रेड सैंड बोआ सांप और 30 हजार रुपए जब्त कर लिया।
आरोपियों में दो आरोपी शातिर बदमाश
पकड़े गए आरोपियों में छगनलाल पिता हीरालाल तिवडिया, दिनेश पिता छगनलाल डोडियार, विनोद पिता रामेश्वर मोरोलिया और महेशचंद पिता शंकरलाल जी चौहान है। दो आरोपी इंदौर, एक आरोपी धार और एक आरोपी सागर का रहने वाला है। आरोपियों में दो आरोपी दिनेश औरमहेशचंद चौहान शातिर बदमाश हैं। इसके खिलाफपूर्व में भी थाना मानपुर इंदौर और सागौर कुटी जिला धार में कई प्रकार के विभिन्न अपराध अपराध दर्ज है।
जहरीला नहीं होने के कारण आसानी के आ जाता है पकड़ में
रेड सैंड बोआ सांप की खासियत है कि इसके अंदर जहर नहीं होता। इसका आकार भी अन्य सांपों के मुकाबले कुछ अलग ही होता है। यानी इसके सिर और पूंछ दोनों गोल होते हैं। जिसे देखने पर ऐसा लगता है, जैसे इसके दोनों तरफ मुंह हों। चूंकि यह सांप काफी मोटे होते हैं, इसलिए ये धीरे चलते हैं और अक्सर रात में ही बाहर निकलते हैं।
रेड सैंड बोआ की तस्करी की वजह
रेड सैंड बोआ की तस्करी के ज्यादा मामले बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में होती है। इसकी तस्करी की दूसरी मुख्य वजह चीन में इससे सेक्स पावर बढ़ाने की दवा बनाने का दावा किया जाता है। इस सांप से कैंसर समेत कुछ बीमारियों के इलाज भी होती है। इसका इस्तेमाल सौंदर्य के प्रसाधन बनाने में भी होता है। इसलिए इसकी तस्करी की जाती है।
तंत्र क्रियाओं में भी लोग करते हैं इस्तेमाल
इंसान अमीर होने और अपनी कामुक कुंठाओं की पूर्ति के लिए इस सांप का अवैध शिकार कर रहा है। इस सनक के चलते बेहद शांत प्रवृत्ति का ये सांप अपनी अस्तित्व के लिए ही संघर्ष कर रहा है। सांप के साथ ये अंधविश्वास जुड़ गया है कि इसको पालने से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है। इसे तंत्र क्रियाओं में इस्तेमाल किया जाता है। भारत में इस सांप का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है।
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