राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द ही कच्ची शराब का पक्का कारोबार शुरू होने वाला है. शिवराज सरकार ‘हेरिटेज वाइन पॉलिसी’ ला रही है. इसके तहत सरकार अब महुआ शराब भी बेचने की तैयारी में है. जिससे महुआ शराब को वैध रूप से बेचा जा सकेगा. क्योंकि ट्राइबल क्षेत्र में ज्यादातर महुआ की शराब बनाई जाती है. इसलिए कच्ची शराब को पक्के कारोबार में बदला जाएगा. मंडला में आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि जल्द एक नई आबकारी नीति आ रही है.

परंपरागत रूप से शराब बेचना अवैध नहीं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महुआ से अगर कोई भाई-बहन परंपरागत रूप से शराब बनाता है, तो वह अवैध नहीं होगी. हेरिटेज वाइन पॉलिसी के नाम पर उस शराब को दुकानों पर भी बेची जाएगी. हम उसको भी आदिवासी आमदनी का जरिया बनाएंगे. परंपराओं के निर्वाह के लिए बना सकता है. अगर वह परंपरागत रूप से बनाता है, तो बेचने का भी अधिकार उसको होगा. सरकार बाकायदा वैधानिक मान के यह अधिकार देगी.

मौत का LIVE VIDEO: ट्रेन के सामने Tik Tok वीडियो बना रहा था युवक, पलक झपकते ही चली गई जान

शराब की होम डिलीवरी पर जोर

राज्य सरकार ने हेरिटेज वाइन पॉलिसी तैयार कर लिया है. इसे नए साल से शुरुआत में लागू किया जा सकता है. इस प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा, वहां विचार विमर्स होगा. उसके बाद नई पॉलिसी लागू होगी. चर्चा है कि ऑनलाइन होम डिलीवरी पर भी जोर दिया जाएगा. शिवराज सरकार ने कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन शराब डिलीवरी शुरू करने का प्रयास किया था, लेकिन इस पर अमल नहीं किया जा सका.

3 शहरों में महिलाओं के खुलेगी शराब दुकान

चर्चा ये भी है कि इंदौर, भोपाल और जबलपुर में महिलाओं के लिए अलग से शराब दुकानें खोली जाएगी. इन दुकानों में सिर्फ महिलाएं ही काम करेंगी. जिससे महिलाओं को शराब दुकान में जाने और शराब खरीदने में परेशानी न हो. क्योंकि सभी शराब दुकानों में पुरुषों की संख्या अधिक होती और महिलाएं वहां जाने में असहज महसूस करती हैं.

ट्राइबल क्षेत्र में ज्यादा बिकती है महुआ शराब

मध्य प्रदेश में ट्राइबल क्षेत्रों में महुआ शराब बनाने वालों की जनसंख्या भी अधिक है. ट्राइबल लोग अपने पीने और बेचने के लिए भी महुआ शराब बनाते हैं. शराब बेचना तो अपराध है, लेकिन अब शिवराज सरकार इसे वैध कर देगी. इससे टाइबल्स की आमदनी भी बढ़ेगी. उनके आय का जरिया बनेगा. सीएम ने भी कह दिया है कि महुआ से अगर कोई परंपरागत रूप से शराब बनाता है, तो वह अवैध नहीं होगी.

कांग्रेस के राज में एक ही परिवार को पढ़ाया गया: CM शिवराज बोले- अमरकंटक ट्राइबल यूनिवर्सिटी का नाम भी इंद्राजी के नाम पर रख दिया, तुम्हें ट्राइबल के नाम से चिढ़ थी क्या ? 

शराब से राजस्व बढ़ाने की कवायद

इस नीति के पीछे राजस्व बढ़ाने की कवायद भी बताई जा रही है. अगर सरकार महुआ शराब बनाती और बेचती है, तो उसे कई सौ करोड़ का राजस्व मिल सकता है. हेरिटेज शराब नीति के साथ-साथ शराब के उत्पादन, बॉटलिंग और बिक्री की प्रक्रिया में सुधार का भी प्रस्ताव लाया जा सकता है. नए साल से हेरिटेज वाइन पॉलिसी लागू हो सकती है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus