फीचर स्टोरी। सरकार की सबसे छोटी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण इकाई है ग्राम पंचायत. ग्राम पंचायत जितना मजबूत होगा, जितना सशक्त होगा, लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा. क्योंकि देश हो या राज्य ग्रामीण आबादी अब भी गाँवों में सर्वाधिक है. गाँवों का जितना विकास होगा, राज्य और देश उतना विकसित होगा. गाँवों के विकास में ग्राम पंचायत की भूमिका अग्रणी है. ग्राम पंचायत को जिनता अधिकार मिलेगा, जनता को उतना ही लाभ होगा. छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार इसी सोच के नवा छत्तीसगढ़ को गढ़ने का काम कर रही है. सरकार ने ग्रामीण विकास को अपनी प्राथमिकता में रखा है. सरकार गाँवों को ध्यान में रखकर योजना बना रही है और उन योजनाओं विकास को गति भी दे रही है.
भूपेश सरकार ने बीते तीन वर्षों में इस दिशा में निरंतर काम किया है. उन्होंने अपने तीन साल के इस कार्यकाल में ग्राम सशक्तिकरण का जो काम किया है उसी का परिणाम है कि आज ग्रामीण छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्यों की ओर तेजी से अग्रसर है. अब इसी दिशा में एक और मजबूत कदम सरकार ने बढ़ाने का काम किया है. सरकार ने पंचायत के प्रतिनिधियों को जहाँ उनका सम्मान और अधिकार लौटाने का काम किया है, तो वहीं उसमें कई नई चीजों को जोड़कर उसे बढ़ाने का भी काम किया है.
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने बीते दिनों पंचायती राज सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए जो घोषणाएं की है, उन घोषणाओं का असर पंचायतों में सरकार की मजबूती के तौर पर दिखेगा इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. निश्चित इससे पंचायत में काम करने वाले प्रतिनिधियों का मनोबल बढ़ेगा, साथ ही उनमें बेहतर से बेहतर करने की भावना भी मजबूती से जागृत होगी. क्योंकि सुविधाओं के विस्तार के साथ सम्मान और अधिकार जिस रूप में जिला से लेकर ग्राम पंचायत तक के प्रतिनिधियों को सरकार ने दिया उससे अफरशाही भी रुकेगी, लोकतंत्र भी मजबूत होगा.
आइये आपको बताते हैं कि भूपेश सरकार ने क्या-क्या घोषणाएं पंचायत प्रतिनिधियों के लिए की है-
1. जिला/जनपद पंचायत अध्यक्ष के समक्ष नोटशीट प्रस्तुत करने के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं के क्रियान्वयन में नोटशीट जिला / जनपद पंचायतों के अध्यक्षों के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किए जाएंगे केन्द्र सरकार की योजनाओं के लिये यह लागू नहीं होगा.
2. जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष को वित्तीय अधिकारछत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं के राशि का भुगतान पूर्व संबंधित अध्यक्ष द्वारा नस्ती पर अनुमोदन पश्चात मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी / सहायक लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से तथा जनपद के मामले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सहायक लेखाधिकारी उसकी अनुपस्थिति में कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान किया जायेगा.
3. जिला पंचायत अध्यक्षों को अध्यक्ष निधि प्रदान करने के संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रतिवर्ष 15 लाख रूपए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष के लिए 10 लाख रूपए तथा जिला पंचायत सदस्य के लिये 4 लाख रूपए, जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए 5 लाख रूपये, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के लिये 3 लाख रूपए तथा जनपद पंचायत सदस्य के लिये 2 लाख रूपए निधि प्रदाय किए जाएगा. इस प्रकार कुल 45 करोड़ रूपए के बजट प्रावधान को पुनर्विनियोजन के माध्यम किया जायेगा.
4. जिला पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जिला पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्व के संबंध में अध्यक्ष, जिला पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (कलेक्टर) को अपना अभिमत संसूचित करेगा.
5. जनपद पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जनपद पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्य के संबंध में अध्यक्ष, जनपद पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत) को अपना अभिमत संसूचित करेगा.
6. जिला जनपद पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराये जाने हेतु पूर्व 2 करोड रूपए प्रतिवर्ष व्यय की सहमति दी गई है. जनपद पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराये जाने हेतु 6.13 करोड़ रूपए की अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति दी जायेगी.
7. सरपंचों के मानदेय को 2 हजार रूपए बढ़ाकर 4 हजार रूपए करने की घोषणा.
8. जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपए और जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा.
9. सरपंचों को अब 50 लाख रूपए की लागत तक के कार्य कराने का अधिकार होगा.
10. नया संशोधित एसओआर जल्द लागू होगा.
11. ग्राम पंचायतों के पंचों को बैठक के लिए मिलने वाले 200 रूपए के भत्ते को बढ़ाकर 500 रूपए करने की घोषणा.
12. पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की अन्य मांगों पर विचार करने के लिए पंचायत मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की घोषणा.
जितना मजबूत पंचायत, उतना अच्छा लोकतंत्र- भूपेश बघेल
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए पंचायती राज व्यवस्था को सक्षम बनाना जरूरी है. शासन व्यवस्था में पंचयाती व्यवस्था की भूमिका ही सबसे अहम है. इसलिए पंचायती राज सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधियों को जो अधिकार सरकार ने दी है वह उनका वास्तविक हक है. उन्हें यह सम्मान छत्तीसगढ़ राज्य में काफी पहले मिल जाना चाहिए था. हमारी सरकार ने एक कोशिश की है. हम आगे भी पंचायतों को इसी तरह से मजबूत करने का करेंगे. क्योंकि जितना मजबूत पंचायत होगा, उतना ही अच्छा लोकतंत्र होगा.
ऐतिहासिक फैसला, पंचातयों को सीधा फायदा- सनतधर दीवान
बेमेतरा जनपद पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सनत धर दीवान ने भूपेश सरकार की घोषणाओं का स्वागत करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर इन घोषणाओं का सीधा फायदा पंचायत प्रतिनिधियों को तो होगा ही, ग्रामीणों को भी होगा. क्योंकि इससे पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ पंचायतें भी मजबूत होगी. जनता के द्वारा चुने गए प्रतनिधियों को सम्मानित करने का काम भूपेश सरकार ने किया. मैं स्वयं कई बार सरपंच और जनपद में रहा हूँ. मैं यह जानता हूँ कि पंचायत प्रतिनिधियों को किस तरह से काम करना पड़ता हैं. पंचायत प्रतिनिधियों की चुनौतियों को देखते मुख्यमंत्री ने बहुत ऐतिहासिक फैसला किया है.
मुख्यमंत्री के घोषणा से सरपंचों में उत्साह- आदित्य उपाध्याय
सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने कहा कि हमारी मांगों को सीएम भूपेश बघेल ने पूरा किया है. मैं सरपंच संघ की ओर से इसके लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ. मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद से सरपंचों में उत्साह है. सरपंचों के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि का असर पंचायतों में दिखाई देगा.
अधिकारी मनमानी नहीं कर पाएंगे, हम बेहतर काम कर पाएंगे- लेखनी सोनू चंद्राकर
मुंगेली जिला पंचायत के अध्यक्ष लेखनी सोनू चंद्राकर का कहना है कि जिला पंचायतों अध्यक्षों को सीईओ का सीआर लिखने का जो अधिकार मिला है उससे अधिकारियों की मनमानी पर नहीं चल पाएगी. हम बेहतर ढंग से काम कर पाएंगे. क्योंकि हमारा अधिकार और दायित्व बढ़ाने का काम मुख्यमंत्री ने किया है. अब राज्य सरकार की योजनाओं का और बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो पाएगा.