नई दिल्ली। धीरे-धीरे देश में मुख्य विपक्ष के किरदार में आ रही टीएससी की सुप्रीमो ममता बनर्जी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने जा रही हैं. माना जा रहा है कि ममता बनर्जी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने के अलावा त्रिपुरा में हुई हिंसा की घटनाओं को प्रमुखता से उठा सकती हैं.
संसद सत्र से पहले अपने तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान ममता बनर्जी संसद में सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई हैं. दौरे के पहले दिन एक साथ कीर्ति आजाद, अशोक तंवर और पवन वर्मा जैसे नेताओं को पार्टी में शामिल कर एक तरफ जहां बिहार और हरियाणा में पार्टी को विस्तार देने का खाका खींच दिया है,
वहीं दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर पश्चिम बंगाल में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने पर अपने विरोध के साथ-साथ त्रिपुरा में हाल ही दिनों में हुई हिंसक घटनाओं का मुद्दा उठाकर पार्टी के समर्थकों और नेताओं के मनोबल को ऊंचा उठाने का प्रयास करेंगी.
इसके साथ ही तीन दिनों तक चलने वाले संसद सत्र के लिए पार्टी के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मिलकर रणनीति बना सकती हैं. यह रणनीति क्या कांग्रेस से अलग रहती है, या कांग्रेस के साथ रहती है, इस पर लोगों की निगाहें बनी हुई है. संभावना इस बात की है कि कांग्रेस के इतर रणनीति बनाकर देश को एक संदेश देने की कोशिश की जाएगी.