नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. पुलिस प्रमुख ने यहां भारतीय महिला प्रेस कोर (IWPC) में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जहां तक महिलाओं के खिलाफ अपराध का सवाल है, तो इसे रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास 6 डीसीपी, 8 एसीपी और 9 एसएचओ हैं, जो सभी महिलाएं हैं और उन्हें उन इलाकों में रखा गया है, जहां पुलिस को महिलाओं के खिलाफ अपराध की आशंका सबसे ज्यादा है.

जहरीली गैस फैलने से दहशत, कई लोग हुए बेहोश, इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि कुल मिलाकर हमारा सोचना ये है कि अगर कोई महिला संकट में है, अगर कोई बच्चा संकट में है, तो उन पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस के पास हर थाने में महिला प्रकोष्ठ और महिलाओं एवं बच्चों के लिए विशेष पुलिस इकाई है. अस्थाना ने कहा कि यह न केवल जांच के दौरान सहायता देता है, बल्कि महिलाओं और बच्चों को परामर्श देने में भी मदद करता है. उन्होंने कहा कि हमारा नजरिया ऐसे मुद्दों पर अधिक ध्यान देना और सकारात्मक मानसिकता के साथ समस्याओं का समाधान करना है.

अवैध हथियार सप्लाई करने वाले अंतरराज्यीय मॉड्यूल का भंडाफोड़, 2 आरोपी गिरफ्तार

हाल ही में एक अपराध समीक्षा की बैठक के दौरान राकेश अस्थाना ने जिलों के सभी डीसीपी को महिलाओं के खिलाफ सभी लंबित अपराध से जुड़े मामलों की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि इन मामलों में आरोप पत्र अनिवार्य अवधि के भीतर दायर किए जाएं, लेकिन आंकड़े क्या कहते हैं ? दरअसल, पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में लगातार वृद्धि हुई है.

 

क्या कहते हैं दिल्ली पुलिस के आंकड़े ?

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, शहर में चालू वर्ष में 31 अक्टूबर तक 1,725 महिलाओं के साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया गया है. 2020 में इसी अवधि तक 1,429 महिलाओं को जघन्य अपराध का सामना करना पड़ा. पिछले साल के आंकड़ों से तुलना करें, तो इसमें 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की कुल संख्या 7 हजार 948 थी, जो इस साल बढ़कर 11 हजार 527 हो गई है. कुल मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में केवल (पिछले) 10 महीनों में 45 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है.