लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को संविधान दिवस के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानून वापस कर लिए गए हैं, जो बहुत उचित कदम है, लेकिन किसानों की अन्य जरूरी मांगों को भी पूरा कर लेना चाहिए ताकि किसान अपने घरों को खुशी-खुशी वापस लौट सकें.

मायावती ने कहा कि आरक्षण का लाभ वंचितों को नहीं मिल रहा है. ज्यादातर विभागों में आरक्षण का कोटा अधूरा है. निजी सेक्टर में आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है. SC-ST का आरक्षण कोटा अधूरा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से दलित सावधान रहें, वह दलितों का विकास नहीं कर सकती है. इन वर्गों के लोगों को सपा जैसी पार्टियों से जरूर सावधान रहना चाहिए.

उन्होंने कहा कि “देश में गरीबी बढ़ रही है और खासतौर से मध्यम व गरीब लोग बहुत दुखी हैं. केंद्र व राज्य सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए. दोनों ही इसके प्रति गंभीर नहीं है.” मायावती ने कहा कि चूंकि दलितों के विकास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए उन्होंने संविधान दिवस पर होने वाले कार्यक्रम से भी दूरी बनाई है. उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी और राज्य सरकारें इस बात की गहन समीक्षा करें कि क्या यह पार्टियां संविधान का सही से पालन कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह लोग इसका सही से पालन नहीं कर रहे हैं, इसलिए हमारी पार्टी ने केन्द्र और राज्य सरकारों के संविधान दिवस मनाने के कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है.