कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मुरैना जिले के हेतमपुर स्टेशन के पास अग्निकांड का शिकार बनी उधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस देर शाम ग्वालियर स्टेशन पहुंची। यहां वे सभी यात्री उतरे जिनके कोच में आग लगी थी। उन सभी यात्रियों के लिए ग्वालियर स्टेशन से 4 अतिरिक्त कोच को ट्रेन में जोड़ा गया। साथ ही सभी यात्रियों के खाने पीने सहित सर्दी के मौसम को देखते हुए अन्य इंतजाम भी किए गए।
Lalluram.Com स्टेशन पर पहुंचकर यात्रियों से बात की। इस दौरान एक एेसे यात्री की जानकारी मिली, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर दर्जनभर से अधिक यात्रियों की जान बचाई। तस्वीर में नजर आ रहे शख्स हैं भानु प्रताप सिंह हैं।
भानु प्रताप सिंह दिल्ली से अनूपपुर के लिए ट्रेन के कोच नंबर A2 में यात्रा कर रहे थे। जैसे ही उन्हें पास के कोच के अंदर से धुआं निकलता देखा। वैसे ही वह दौड़ कर यात्रियों की जान बचाने में जुट गए। उन्होंने अपने हुनर का इस्तेमाल करते हुए आग लगे हुए कोच से दूसरी बोगी की कप लिंग को अलग किया। इस दौरान रेलवे के कुछ कर्मचारी भी उनकी मदद के लिए दौड़े। आग लगी हुई बोगी को दूसरी बोगी से अलग किया। इस दौरान भानु प्रताप सिंह ने आग के बीच से एक मासूम बच्ची को भी बाहर निकाला जो बेहोश हो चुकी थी। यात्रियों ने उनके इस हौसले की तारीफ की है।
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बता दें कि भानु प्रताप सिंह ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। मैकेनिकल विषय की भी जानकारी रखते हैं। यही वजह है कि उन्होंने तत्काल अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए दोनों बोगियों के बीच से कप लिंग को अलग किया। जिससे एक बोगी से दूसरी बोगी में आग लगने से रोका गया।
यात्रियों का आरोप- ट्रेन के अंदर फायर सेफ्टी को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं
ग्वालियर स्टेशन पहुंचे यात्रियों में रेलवे के खिलाफ भारी आक्रोश भी देखने को मिला। यात्रियों का सीधे तौर पर आरोप था कि ट्रेन के अंदर फायर सेफ्टी को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं थे। यही वजह थी कि जब आग शुरुआती दौर में थी उसे समय पर नहीं बुझाया जा सका। कई यात्रियों का सामान भी जलकर खाक हुआ तो कई यात्री लहूलुहान भी नजर आए। जबकि रेलवे की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि किसी भी यात्री को चोट नहीं आई है। लेकिन Lalluram.Com नेअपने कैमरे में अग्निकांड के शिकार हुए उन लोगों की तस्वीर को कैद किया। जिनके हाथ सहित पैरों में भी गंभीर चोट आई है। हालांकि ग्वालियर पहुंचे यात्रियों से रेलवे के सुरक्षा दस्ते के साथ मेडिकल की टीम ने उनके स्वास्थ्य के बारे में भी पूछताछ की और आवश्यक दवाइयों को भी उपलब्ध कराया।
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