कार्यसमिति में शिवराज की काउंटर बैटिंग
बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति बैठक में शिवराज के भाषण ने कई संदेश एक साथ दिए। सारे संदेश मीडिया के सामने दिए गए, जो अमूमन शिवराज करते नहीं हैं। शायद शिवराज का आत्मविश्वास ऐसा करने की इजाज़त दे गया होगा। संदेश कई थे। शिवराज ने यह कहकर चौंका दिया कि ‘बॉलिंग करने वाले भी चौके-छक्के जड़ने वाली बैटिंग कर गए’। ऐसा उन्होंने तारीफ भरे लहज़े में कहा था, लेकिन इसके मायने तलाशे जाने लगे हैं। दरअसल, कई नेताओं ने अपने ओजस्वी भाषण में मिंटो हॉल का नाम बदलने की मांग की। इसमें अलग-अलग महापुरुषों के नाम गिनाए गए थे। दूसरा संदेश खास रहा। संदेश यह कि पार्टी में परस्पर विश्वास कम हो रहा है और आपसी खींचतान बढ़ रही है। सीएम बदलने वाला है, जैसी बातें मीडिया में आने का उल्लेख करते हुए शिवराज ने दो टूक लहजे में कह दिया कि आप कड़वाहट रखोगे तो मिठास की उम्मीद मत कीजिएगा। शिवराज ने इशारों में जो कहा उसका असर ज़मीन पर दिखाई देना लाजिमी है। आने वाले दिनों में बीजेपी एकजुट नजर आ जाए तो उसका सीक्रेट अब आपके समझ में आ जाएगा। रही बात सीएम के कांफिंडेंस की तो इसी कॉलम के आखिर में दुमछल्ला ज़रूर पढ़िएगा।

टॉप के IAS कराएंगे पुलिस कमिश्नर सिस्टम
पुलिस कमिश्नर सिस्टम की ज़िक्र शिवराज ने जब भी किया है, अफसरों की लॉबी को चौंकाया ही है। इससे पहले विधानसभा में सदन में ऐलान करके शिवराज ने आईएएस लॉबी को एहसास कराया था कि वे उनके खिलाफ भी फैसले कर सकते हैं। इस बार शिवराज के इस फैसले को आगे बढ़ाने के पीछे एक टॉप के अफसर की प्रबल मंशा है। मंत्रालय की चौथी मंजिल में बैठने वाले इस टॉप के अफसर ने ठान लिया है कि पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होकर रहेगा। ये अफसर आईएएस लॉबी में सबसे टॉप पर हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई आईएएस पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने में दिलचस्पी दिखा रहा है, इसलिए प्रक्रिया तेजी से आगे भी बढ़ रही है। आईएएस लॉबी ने विरोध जताते हुए राज्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी साथ में लिया है और प्रदेश भर में ज्ञापन देने का सिलसिला शुरू किया। लेकिन इस बार इरादे साफ हैं।

कांग्रेस से आए नेता को सुननी पड़ी खरी-खरी
बीते दिनों प्रदेश बीजेपी दफ्तर में विधायक और मंत्रियों के साथ पार्टी नेताओं की वन टू वन चर्चा के पहले दिन की बात है। सुबह 11 बजे बैठक की जानकारी मिलने पर कई सीनियर लीडर अपना काम-धाम छोड़कर पार्टी दफ्तर पहुंचे। लेकिन पता लगा कि बैठक शाम को हो गया है। अचानक बैठक का वक्त बदलकर सुबह से शाम कर देने की जानकारी मिलने पर कुछ उखड़ भी गए। इसमें एक तेज तर्रार महिला मंत्री और दो पूर्व मंत्री और एक राज्य मंत्री एक साथ बात करने लगे। कुछ का गुस्सा भी बाहर आ गया। खास बात ये है कि महिला मंत्री ने इसका ठीकरा साथ में खड़े ऐसे नेता पर फोड़ दिया जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं। इस नौजवान नेता को महिला मंत्री ने कहा कि ये कल्चर तुम से ही शुरू हुआ है। नेताजी भौचक रह गए। महिला मंत्री ने कहा कि तुम्हीं ने भाजपा में नयी प्रथा डाल दी है। ये कल्चर तुम्हीं से शुरू हुआ है। बेचारे नेताजी कुछ कह भी नहीं पाए। जानकारी के लिए बता दें कि ये घटनाक्रम वहां मौजूद मीडिया कर्मियों के कैमरे में कैद हो गया है।

साहित्य प्रेमी आईपीएस का ऐड़ी-चोटी जोर
डीजीपी बनने के लिए दो अफसरों में जोरदार टक्कर चल रही है। लेकिन एक साहित्य प्रेमी आईपीएस ने ऐड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना शुरू कर दिया है। बीते दिनों जिस तरह की लॉबिंग की है उससे साहब अपने करीबियों को आश्वस्त भी करने लगे हैं कि अगला डीजीपी वे ही बनेंगे। उनकी समर्थक आईपीएस लॉबी भी ढिंढोरा पीटने में लगी है कि सारे समीकरण साध लिए गए हैं। साहब के आगे-पीछे अब जूनियर अफसरों की धमाचौकड़ी भी नजर आने लगी है। पीएचक्यू के गलियारों में साहब की धाक अभी से ही जमने लगी है। बताया जा रहा है कि साहब ने ना केवल महकमे में जोर आजमाइश की है बल्कि बाहरी संपर्कों का इस्तेमाल भी किया है। यही नहीं, लॉबिंग में ख्याल रखा गया है कि अलग-अलग तबके उचित मंच पर पहुंचकर साहब की तारीफ करें। फैसला जल्द होने वाला है लेकिन लॉबिंग में कमी अभी तक नहीं आयी है।

पीसीसी का एक कमरा भरा पूरा
पीसीसी का एक कमरा ऐसा है जहां तीन दिग्गजों के नाम की तख्ती लटकी है। ये कमरा विधानसभा चुनाव से पहले अजय सिंह को अलॉट किया गया था, जहां से वे चुनाव का काम देख रहे थे। अजय सिंह गाहे-बगाहे ही बैठते थे, लेकिन उनके समर्थकों के ज़रिए कमरे में जलवा अफरोज़ होता था। इसके बाद यहां दूसरी तख्ती समन्वय समिति के प्रमुख के तौर पर दिग्विजय सिंह की चिपका दी गई। कमरे में रौनक उनके समर्थकों ने ही बनायी रखी। हालांकि दिग्विजय सिंह जब भी पीसीसी पहुंचते तीसरी मंजिल में पीसीसी चीफ के कैबीन में ही महफिल जमाते नजर आए हैं। अब यहां जन जागरण समिति के प्रमुख के नाते तीसरी तख्ती चिपकाई गई है। अबकी बार नाम लिखा है पीसी शर्मा का। पीसी शर्मा ने यहां अपना दफ्तर लगाना शुरू कर दिया है। बाकी दोनों तख्तियां अभी भी अपने प्रमुख का इंतजार कर रही हैं।

दुमछल्ला…
भोपाल के जंबूरी मैदान पर हुए जनजातीय सम्मेलन के बाद शिवराज और संघ के बीच नजदीकियां काफी हो गई हैं। सुना तो ये भी है कि पीएमओ से भी उनकी नजदीकी बढ़ गई है। दरअसल, संघ चाहता था कि झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, यूपी और एमपी में फैली देश की सर्वाधिक आदिवासी लोकसभा सीटों को साधने के लिए सम्मेलन किया जाए। इसके लिए एमपी का चयन किया गया। बागडोर सीधे पीएमओ ने संभाल रखी थी। नेपथ्य में आरएसएस ज़रूर रहा, लेकिन आयोजन की कमान शिवराज को सौंपी गई। इसके बाद सम्मेलन की कामयाबी का क्रेडिट शिवराज को ही दिया गया। सम्मेलन से संघ और पीएमओ काफी खुश बताए जा रहे हैं। समझने के लिए ये कहावत काफी है कि शिवराज अब संघ की आंख का तारा हैं। जनजातीय सम्मेलन के बाद उन लोगों के माथे पर पसीने आ सकते हैं जो सीएम बदलने वाली मीडिया रिपोर्ट्स पर फूले नहीं समाते हैं।

(संदीप भम्मरकर की कलम से)