अमित शर्मा, श्योपुर। पुलिस अधिकारी को पुलिसिया रुतबा दिखाकर कानून का उल्लंघन करना भारी पड़ गया। कोर्ट ने उन्हें 6 माह की कारावास और दो हजार रुपए अर्थदंड लगाया है। मामला 11 साल पुराना बताया रहा है। फैसला जिला न्यायालय के न्यायाधीश सौरभ सिंह की कोर्ट ने सुनाया है।
जानकारी के अनुसार श्योपुर के प्रथम श्रेणी न्यायाधीश सौरभ कुमार सिंह की अदालत ने बुरहानपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीवान को छह माह के सश्रम कारावास और दो हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। फैसला 11 साल सेे न्यायालय में लंबित चल रहे मारपीट के मामले को लेकर सुनाया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीवान, 2010 में श्योपुर जिले के बड़ौदा तहसील में एसडीओपी थे
दरअसल अभिषेक दीवान 2010 में श्योपुर जिले के बड़ौदा तहसील में एसडीओपी के पद पर पदस्थ थे। उस दौरान पूरणलाल मीणा, निवासी सिरसौद को एसडीओपी ने थाने बुलाकर न सिर्फ चार दिन अवैध निरोध में रखा, बल्कि उसकी लाठियों से जमकर पिटाई भी कर दी थी। पिटाई से उसके शरीर में कई जगह चोट आई। गिरफ्तारी के बाद किसी भी आरोपी को 24 घंटे के भीतर न्यायालय में पेश किए जाने का प्रावधान है। वहीं परिजनों को खबर भी दी जाती है। दीवान ने उन्हें न सिर्फ नियम विरुद्ध 4 दिनों तक थाने में बंद रखा बल्कि जमकर पिटाई भी कर दी थी। जिसे लेकर एसडीओपी के खिलाफ पूरणलाल के पुत्र हजारीलाल मीणा निवासी सिरसौद ने न्यायालय में परिवाद दायर किया था।
न्यायालय ने विचारण के दौरान मामला सही पाया
इस मामले में न्यायालय के विचारण के दौरान मामला सही पाया गया। इसके बाद न्यायालय ने तत्कालीन एसडीओपी बडौदा और वर्तमान एएसपी बुरहानपुर अभिषेक दीवान को धारा 323, 342 में दोषी मानते हुए छह माह का सश्रम कारावास और दो हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।