नई दिल्ली/लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों वायु प्रदूषण के मामलों पर लगातार सुनवाई चल रही है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अदालत को जानकारी दी कि अगर उद्योग बंद किए गए तो प्रदेश में गन्ना और दूध उद्योग प्रभावित हो सकते हैं. सरकार ने अदालत को बताया कि हवा के दबाव के लिहाज से यूपी नीचे है. योगी सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि राज्य में अधिकतर हवा पाकिस्तान से आ रही है. सरकार की इस दलील पर सीजेआई एनवी रमना ने चुटकी ली. सीजेआई ने कहा, तो आप चाहते हैं कि पाकिस्तान के उद्योगों पर प्रतिबंध लगाया जाए.
बता दें कि दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की वजह से इन दिनों लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता शुक्रवार की सुबह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी और न्यूनतम तापमान मौसम के औसत तापमान से तीन डिग्री अधिक 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को सुबह 9 बजे 358 रहा. पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (289) और ग्रेटर नोएडा (250) में वायु गुणवत्ता शुक्रवार की सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया. वहीं केंद्र सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि इससे निपटने के लिए पांच सदस्यों की इंफोर्समेंट टास्क फोर्स गठित की गई है.
बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर दिल्ली सत्रह वर्षीय आदित्य दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इससे एक दिन पहले गुरुवार 2 दिसंबर को सर्वोच्च अदालत ने प्रदूषण के एक मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. अदालत ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच स्कूल खोलने को लेकर पूछा कि जब सरकार ने वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया हुआ है तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? सीजेआई रमना ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा था कि हमने आपके बयानों को गंभीरता से लिया. आपने कई दावे किए हैं. आपने कहा कि स्कूल बंद कर दिए हैं लेकिन सभी स्कूल बंद नहीं है.