मनीष राठौर,राजगढ़। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था का बुराहाल है। शासन-प्रशासन की नाक के नीचे सरकारी शिक्षकों की मनमानी सामने आई है। सरकारी शिक्षक ही अपनी जगह चंद पैसे में प्राइवेट टीचर को रखकर ड्यूटी करवा रहे हैं और सरकारी शिक्षक घर पर आराम फरमा रहे हैं। मामला राजगढ़ के बगा संकुल केंद्र विजयगड़ प्राथमिक विद्यालय का है। यहां दो सरकारी शिक्षक जगदीश वर्मा और दौलत सिंह पदस्थ है। किंतु वास्तविकता कुछ और ही है। दोनों सरकारी शिक्षक स्कूल समय में अपने घर में मौज-मस्ती करते हैं और ठेके पर रखे शिक्षकों अपनी जगह पढ़ाने के लिए स्कूल भेज देते हैं। अब ऐसे में बच्चों का भविष्य कैसे उज्ज्वल बनेगा, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिले के कई स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की मनमानी आए दिन सामने आती रहती है, जहां मनमर्जी से स्कूल खोलते और बंद करते है। उन्हें किसी का कोई भय नहीं है। ऐसा विभाग के जिम्मेदारों के संरक्षण में हो रहा है। वहीं यह भी सवाल उठता है कि जिसकी जिम्मेदारी स्कूलों की निरीक्षण करने की है उनकी मिलीभगत भी हो सकती है, या वे जान बूझकर स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही एवं शिक्षकों की मनमानी के चलते बच्चों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।
विभागीय जानकारी के बिना दो प्राइवेट शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई
बता दें कि जो अतिथि शिक्षक रखे गए है उनका शिक्षा विभाग के पोर्टल में कोई जिक्र नहीं है। इसी तरह हाजिरी रजिस्टर में प्रभारी जगदीश वर्मा एक नवंबर 2021 से लगातार 26 नंबर तक अनुपस्थित रहे। रजिस्टर में कोई हस्ताक्षर नहीं थे। इसी तरह दौलत सिंह भी कई दिनों से अनुपस्थित थे। दोनों शिक्षकों ने स्कूल न जाना पड़े और तनख्वाह भी मिलती रहे, इसके लिए विभागीय जानकारी के बिना दो प्राइवेट शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है।
वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बी.एस. बिसोरिया का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जा रही है।