नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच सिंघु बॉर्डर पर आज एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसे लेकर सभी किसान नेता पहुंचे हुए हैं. इस बैठक में आगे की रणनीति के अलावा इस बात पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा कि आंदोलन को अब कैसे खत्म करना है. इसके अलावा किसानों की ओर से यह साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री को अपनी मांगों के साथ लिखे गए पत्र का अभी भी इंतजार कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने 6 मांगें रखी हुई हैं. इसके अलावा किसान अपने 5 प्रतिनिधियों के नाम भी सामने रखेगी, जो केंद्र सरकार द्वारा मांगे गए हैं.
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आज के बैठक से कुछ बड़े फैसले लिए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है. दरअसल किसान इस बात की मांग कर रहे हैं कि किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं, मृतक किसानों को मुआवजा मिले, एमएसपी पर कानून बनाया जाए. भारतीय किसान यूनियन के उत्तरप्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि बैठक शुरू हो गई और इस पर हम अपने मुद्दों पर और अन्य किसान नेताओं के साथ आगे की रणनीति तय करेंगे. हमें अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जवाब का इंतजार है.
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दरअसल कृषि कानूनों को वापस लिया जा चुका है, लेकिन किसान अब एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने अपनी अन्य मांगों को भी जोड़ दिया है. हालांकि इस बीच इस बात की भी अफवाहों ने जोर पकड़ा था कि कुछ किसान संगठन घर वापस जाना चाहते हैं, क्योंकि कानूनों की वापसी हो गई है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से इस बात को हमेशा नकारा गया है.
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