सदफ हामिद, भोपाल। शिवराज सरकार (Shivraj government) पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। वहीं अब सरकार फिर से कर्ज लेने का नोटिफिकेशन जारी किया है।अपने हिस्से का नर्मदा नदी (Narmada river) का पानी प्रदेश में रोकने के लिए सरकार विभिन्न परियोजनाएं शुरू करने जा रही है। इसके लिए सरकार नाबार्ड (nabard) से करीब चार हजार करोड़ का कर्ज़ लेगी।
सरकार बैंक आफ महाराष्ट्र से डेढ़ हजार करोड़, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं से करीब सात हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने की तैयारी कर रही है।
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ढाई लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज
मध्यप्रदेश सरकार पर अब तक 2 करोड़ 53 लाख 335 करोड़ का कर्ज हो चुका है। इसमें एक लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज खुले बाजार का है। शेष कर्ज में सरकार को पावर बांड सहित अन्य बांड का कंपनशेशन का 7360 करोड़, वित्तीय संस्थाओं की देनदारी 10,901 करोड़, केन्द्र सरकार के ऋण एवं अग्रिम के 31 हजार 40 करोड़ सहित अन्य दायित्व 20 हजार 220 करोड़ रुपए शामिल हैं। इसमें 4 हजार करोड़ रुपए कर्ज का भार फिर से बढ़ने वाला है।
कांग्रेस कई बार कर चुकी है श्वेत पत्र जारी करने की मांग
प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर कांग्रेस कई बार सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर चुकी है। पिछले दिनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी श्वेत पत्र जारी करने की मांग की थी। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कमलनाथ ने 26 अगस्त को पत्र भी लिखा था।
ये परियोजनाएं चल रही
चिंकी-बौरास बराज संयुक्त बहुउद्देशीय माइक्रो सिंचाई परियोजना के तहत चिंकी एवं बौरास बराज, पावर हाउस, पंप हाउस का निर्माण होना है। इससे नरसिंहपुर-रायसेन एवं होशंगाबाद जिले के 396 ग्राम लाभान्वित होंगे और एक लाख 31 हजार 925 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। सांवेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के तहत खरगोन-इंदौर में प्रेशराइज्ड पाइप सिंचाई प्रणाली का निर्माण होगा। इससे 272 ग्राम लाभान्वित होंगे और 80 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी।