नासिर बेलिम, उज्जैन। महाकाल (Mahakala) आज से अपने भक्तों को नजदीक से दर्शन देने लगे हैं। महाकाल के गर्भगृह में आज से भक्तों को जाने की इजाजत मिल गई है। हालांकि भस्मारती में प्रतिबंध जारी रहेगा। वहीं महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचने वाले पुरुषों को धोती और महिलाओं के लिए साड़ी पहनना जरूरी है। 

उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति (Ujjain Shri Mahakaleshwar Temple Management Committee) की बैठक में 6 दिसम्बर से श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश शुरू(Entry begins in the sanctum sanctorum of Shri Mahakaleshwar temple) करने पर सहमति बनी। हालांकि सुबह होने वाली भस्मारती में दर्शन व्यवस्था पहले की तरह रहेगी। भस्मारर्ती के दौरान श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश वर्जित रहेगा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने जानकारी देते हुए बताया कि, मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिं‍ह के निर्देश पर 6 दिसम्बर से श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश शुरू कर दिया गया है। अभी यह व्यवस्था प्रायौगिक रूप में शुरू की जा रही हैं। सामान्य दर्शनार्थी की भीड़ की स्थिति को देखते हुए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। सामान्य दर्शनार्थी शंख द्वार से फेसिलिटी सेन्टर, मंदिर परिसर, कार्तिकेय मण्डपम् से रैप उतरकर गणेशमण्डपम् की बैरिकेट्स से नंदीमण्ड्पम से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करेगे व दर्शन के बाद निर्गम रैप से प्रस्थान करेंगे

तीन तरह की कटेगी रसीद 

गणेश कुमार धाकड ने बताया कि प्रवेश बंद के दौरान 1500 रुपए की रसीद पर 2 श्रद्धालु , लघु रूद्र की रसीद पर 3 श्रद्धालु और महारूद्र की रसीद पर 5 श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह से दर्शन कर सकते हैं। इस दौरान भी श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर भगवान का केवल जलाभिषेक ही कर सकते हैंष। जिसकी व्यवस्था मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा की गई हैं।

16 पुजारी और 22 पुरोहित नियुक्त 

यदि श्रद्धालु के परिवार के तीन सदस्यों को गर्भगृह में जल अर्पित करना है तो उन्हें 1500  रुपए की एक रसीद के अलावा 1000 रुपए एक अतिरिक्त रसीद कटवाना होगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर के अधिकृत 16 पुजारी और 22 पुरोहित अपने यजमानों के लिए एक दिवस में अधिकतम 1500 रुपए की 3 रसीद और लघुरूद्र की 2 रसीद ही काउंटर से कटवा सकेंगे। रसीद कटाने वाले श्रद्धालुओं को अधिकृत पुजारी या पुरोहित और उनके प्रतिनिधि द्वारा परिचय पत्र धारण कर यजमानों को गर्भगृह में प्रवेश कराया जा सकेगा।

इस समय भक्त कर सकते हैं दर्शन और जलाभिषेक 

पुजारी/पुरोहित अपने यजमानों को सुबह 6.15 से 7.15 तक और दोपहर 1 से 3 बजे तक जलाभिषेक और रात में 8 बजे से 9 बजे तक 1500 रुपए की रसीद कटाकर दर्शन करा सकेंगे। प्रोटोकॉल श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था के अंतर्गत गर्भगृह में प्रवेश हेतु 1500 रुपए की रसीद अध्यक्ष औरकलेक्टर/प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति (Shri Mahakaleshwar Temple Management Committee) से अनुमति प्राप्त करने के बाद कटवाई जा सकेगी।

भक्तों को पूजना सामग्री ले जाने पर प्रतिबंध 

मंदिर गर्भगृह में किसी भी प्रकार का पूजन, अभिषेक, आरती इत्यादि किया जाना तथा दूध, फूल-प्रसाद या किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर प्रतिबन्ध, रहेगा। भगवान श्री महाकालेश्वर (Shri Mahakaleshwar) को केवल जल अर्पित कर तत्काल बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे। रसीदधारी श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वार क्रमांक 4 से प्रवेश कर विश्राम धाम से सभा मण्डप चांदी द्वार से गर्भगृह दर्शन के लिए प्रवेश करेंगे। वहां की गई व्यवस्था अनुसार श्री महाकालेश्वर भगवान का जलाभिषेक कर जल द्वार से बाहर आएंगे। प्रवेश बंद के दौरान रसीद लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना जरूरी होगा। जिसमें पुरूषों को सोला व महिलाओं को साडी में ही गर्भगृह में प्रवेश दिया जा सकेगा।